प्रदेश में सबसे अहम पदों पर चयन करने वाली संस्था लोक सेवा आयोग के
इतिहास में मंगलवार को एक कलंक और जुड़ गया जबकि पीसीएस 2017 की मुख्य
परीक्षा हंिदूी की जगह निबंध का पेपर बांट दिया गया। इससे क्षुब्ध
अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया।
उन्होंने परीक्षा का बहिष्कार किया और
केंद्र पर ही धरने पर बैठ गए। बाद में हजारों प्रतियोगियों ने आयोग
मुख्यालय का घेराव व सड़क जाम करके उग्र प्रदर्शन किया। उन्हें नियंत्रित
करने के लिए पुलिस को कई बार लाठीचार्ज तक करना पड़ा। अभ्यर्थियों के
आक्रोश को देखते हुए मंगलवार की दोनों पालियों की परीक्षाएं निरस्त कर दी
गई हैं।1आयोग की पीसीएस मुख्य परीक्षा 2017 सोमवार से शुरू हुई है। इसमें
12 हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हैं जो कि इलाहाबाद और लखनऊ के 28 केंद्रों
पर परीक्षा दे रहे हैं। पहले दिन की परीक्षा शांतिपूर्वक हुई। मंगलवार को
पहली पाली में सुबह 9.30 से 12.30 बजे तक सामान्य हंिदूी की परीक्षा थी।
इलाहाबाद के जीआइसी परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों को जब प्रश्नपत्र दिया
गया तो वे अचरज में पड़ गए। हंिदूी की परीक्षा थी और उन्हें निबंध के पेपर
पकड़ा दिए गए थे। इस पर एतराज जताया तो परीक्षकों ने उसे ही हल करने का
दबाव बनाना शुरू कर दिया। जीआइसी प्रशासन ने अभ्यर्थियों को शांत करने के
लिए कहा कि आयोग से वार्ता की जा रही है। फिर भी खफा अभ्यर्थी परीक्षा
बहिष्कार करके बाहर निकल आए और धरना देने लगे। सूचना पर आयोग की परीक्षा
नियंत्रक अंजू कटियार केंद्र पर आ पहुंची। उन्होंने देखा कि गलत प्रश्नपत्र
बांट दिया गया है तो इसकी रिपोर्ट की। 1आयोग के इतिहास में यह पहला अवसर
था जबकि मुख्य परीक्षा में गलत प्रश्नपत्र बांट दिया गया। इसकी सूचना जैसे
ही अन्य प्रतियोगी छात्रों को मिली, वे आयोग पर जमा होने लगे। इस बीच अन्य
केंद्रों के अभ्यर्थी भी आयोग पर पहुंच गए। उन्होंने आयोग मुख्यालय का
घेराव करके सड़क जाम कर दिया। इसपर पुलिस को दो बार लाठी चार्ज करना पड़ा।
सायंकाल अभ्यर्थियों ने प्रतापगढ़ डिपो की अनुबंधित बस में आग भी लगा दी।
इस पर पुलिस ने फिर लाठीचार्ज किया तो प्रतियोगी तितर-बितर तो हुए लेकिन
बाद में आयोग के बाहर ही सैकड़ों अभ्यर्थियों ने धरना शुरू कर दिया। पुलिस
के रवैये खफा इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह व
अन्य छात्रएं सड़क पर बैठ गईं, उन्हें समझाने का प्रयास हुआ न मानने पर
पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर महिला थाने पर ले गई। वहीं, सिविल लाइंस थाने में
कुछ छात्रनेताओं के खिलाफ एफआइआर भी हुई, आयोग के सामने धरना देर रात खत्म
हो गया। छात्रों में इसलिए भी अधिक आक्रोश था क्योंकि वे पीसीएस मुख्य
परीक्षा की तारीखें आगे बढ़ाए जाने की मांग करते रहे थे लेकिन आयोग ने इसे
अनसुना कर दिया था। दोपहर बाद आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि मंगलवार को
प्रथम पाली की हंिदूी और दूसरी पाली की निबंध की परीक्षा निरस्त कर दी गई
है। अन्य परीक्षाओं के कार्यक्रम में परिवर्तन नहीं किया गया है।
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