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पांच साल में आयोग की हर परीक्षा पर उठी अंगुली, सरकार बदली पर हलात जस के तस

उप्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा में पहली बार शामिल हो रहे अभ्यर्थियों के लिए प्रश्नपत्र गलत खुल जाना भले ही लापरवाही का विषय हो लेकिन, इस तरह की गड़बड़ी आयोग में लंबे समय से चल रही है। हजारों अभ्यर्थियों की उम्मीदें आयोग से टूट रही हैं। आयोग की कोई ऐसी परीक्षा नहीं रही, जिसमें वह गलत सवाल या उसके जवाब को लेकर घिरा न हो।
1पिछले तीन साल से तो आयोग पीसीएस जैसी परीक्षा में लगातार गलतियां कर रहा है। पहले 2015 पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा का पेपर आउट हुआ। 2016 की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्नों के गलत जवाब का मामला सामने आया। आयोग ने अनसुनी की तो हाईकोर्ट ने न्याय दिया, अब तक उसकी मुख्य परीक्षा कराने की हिम्मत आयोग नहीं जुटा सका है। 2017 की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में भी प्रश्नों का गलत जवाब फिर सामने आया। प्रश्नों के जवाब बदलने का हाईकोर्ट से आदेश हुआ तो शीर्षकोर्ट की शरण ली गई। उसी के आदेश पर 2017 पीसीएस की मुख्य परीक्षा हो रही है। इसमें भी प्रतियोगियों के ‘मन की’ नहीं सुनी। जब अन्य राज्यों मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की प्रवक्ता भर्ती का इंटरव्यू, यूपी की पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा और कर्मचारी चयन आयोग का इंटेलिजेंस ब्यूरो का साक्षात्कार चल रहा है। उसी समय मुख्य परीक्षा कराने का कार्यक्रम जारी हुआ। लिहाजा 1383 अभ्यर्थियों ने पीसीएस मेंस 2017 देने की जगह अन्य आयोग की ओर रुख किया।


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