पीसीएस जैसी परीक्षा में गड़बड़ी से हजारों अभ्यर्थियों की मेहनत पर
पानी फिर रहा है। इसके बाद भी आयोग ने गलती मानने की बजाए हमेशा की तरह
ठीकरा दूसरे पर ही फोड़ा।
गलत पेपर बंटने के बाद छात्रों का आंदोलन शुरू
होने पर आयोग ने आपात बैठक करके दूसरे दिन की दोनों सत्रों की परीक्षाएं
निरस्त करने का निर्णय लिया। तत्काल इसकी विज्ञप्ति भी जारी कर दी। लेकिन,
इसमें आयोग का पक्ष अस्पष्ट है। 1 विज्ञप्ति के अनुसार, एक परीक्षा केंद्र
पर प्रथम पाली में त्रुटिवश सामान्य हंिदूी के स्थान पर निबंध का
प्रश्नपत्र खोले जाने पर परीक्षार्थियों की ओर से परीक्षा बहिष्कार होने और
इसी आधार पर परीक्षाएं निरस्त करने का निर्णय लेने की बात कही गई है। यह
विज्ञप्ति सचिव जगदीश की तरफ से जारी की गई, वहीं परीक्षा केंद्र यानी
जीआइसी के प्रधानाचार्य देवेंद्र कुमार सिंह ने इस पर एतराज जताते हुए कहा
कि परीक्षा केंद्र को प्रत्येक पाली की परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र एक घंटे
पहले मिलता है, जो मजिस्ट्रेट लेकर आते हैं। सुबह की पाली में जो
प्रश्नपत्र का बंडल उन्हें मिला उस पर ‘सुबह की पाली’ लिखकर आया था। वही
खोला और अभ्यर्थियों में वितरित किया गया। 1 उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग
बेवजह ठीकरा परीक्षा केंद्र पर फोड़ रहा है, जबकि प्रश्नपत्र प्राप्त होने
और उसका बंडल खोलते समय आयोग के भी तीन कर्मचारी वहां मौजूद थे। वहीं,
अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि मंडल के साथ हुई वार्ता में आयोग ने गलती मानने
से साफ इन्कार किया। इसे मानवीय भूल बताया।
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