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फर्जीवाड़े पर शिक्षकों खिलाफ एक्‍शन से खलबली, बर्खास्त होंगे 81 फर्जी टीचर

मैनपुरी : शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा में 81 शिक्षकों को बर्खास्तगी का दूसरा नोटिस जारी हो गया है। एसआईटी जांच में इन 81 शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण-पत्र संदिग्ध मिले थे।
एसआईटी ने इनकी सेवाएं समाप्त करने का फरमान भी जारी किया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने इन शिक्षकों को फौरी तौर पर राहत दे दी। इन शिक्षकों पर कार्रवाई की तलवार फिर लटक गई है। बीएसए मैनपुरी ने आगरा विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर इन शिक्षकों की डिग्रियां फर्जी हैं या असली, इसकी रिपोर्ट मांगी है।



बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती में लंबे समय से फर्जीवाड़ा होता रहा है। 16 महीने पहले 31 शिक्षक फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र होने के कारण नौकरी से बाहर कर दिए गए थे। डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री हासिल करने वाले शिक्षकों की जांच जब एसआईटी ने की तो पूरे जिले में 81 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी निकल आए। एसआईटी ने इन शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए शासन को अपनी रिपोर्ट दे दी। शासन ने भी बीएसए को निर्देशित किया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर सेवा समाप्त कर दी जाए।



6 महीने पहले जैसे ही इन 81 शिक्षकों को नोटिस जारी हुआ। सभी शिक्षक उच्च न्यायालय की शरण में चले गए। शिक्षकों को न्यायालय ने फौरी तौर पर राहत दे दी थी। अब एक बार फिर इन शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। बीएसए ने विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर यह पूछा है कि एसआईटी जांच में इन 81 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। विश्वविद्यालय यह बताए कि इन 81 शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी हैं अथवा असली। विश्वविद्यालय से रिपोर्ट आने के बाद इन 81 शिक्षकों के भाग्य का फैसला हो जाएगा। हालांकि बीएसए ने इन 81 शिक्षकों को बर्खास्तगी का दूसरा नोटिस भी सोमवार को जारी कर दिया है।

वर्जन
बीएसए विजय प्रताप सिंह ने बताया कि एसआईटी जांच में 81 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए थे। उन्हें दूसरा नोटिस जारी कर दिया है। विश्वविद्यालय को भी पत्र लिख कर इन 81 शिक्षकों के दस्तावेजों की जानकारी मांगी है। विश्वविद्यालय से रिपोर्ट आते ही कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

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