एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में बड़ी धांधली का आरोप, अभ्यर्थियों ने किया लोकसेवा आयोग का धेराव

इलाहाबाद. एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की परीक्षा को लेकर लोक सेवा आयोग के साथ शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच तनाव कम होने का नाम नही ले रहा। शिक्षक अभ्यर्थी रजिट्रेशन क्रमांक को आधार बना कर रोल नंबर आवंटित करने का विरोध कर रहे हैं।
इसके चलते एक बार फिर अभ्यर्थियों आयोग का घेराव किया। इस दौरान अभ्यर्थियों और आयोग के सचिव के बीच देर शाम लगभग घंटे भर चली वार्ता लाभ के बाद सचिव ने साफ तौर पर कहा कि रोल नंबर रैंडम आधार पर आवंटित किए गए हैं। साथ उन्होंने कहा कि अगर किसी अभ्यर्थी के पास किसी तरह की गड़बड़ी के साक्ष्य है तो उपलब्ध कराए। उसके आधार पर पर कार्रवाई सुनिशित की जाएगी।

अपनी मांग पर अड़े अभ्यर्थी
अभ्यर्थी लगातार इस मांग पर अड़े हैं कि रोल नंबर नए तरीके से एलॉट किए जाएं। बता दें कि एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए केंद्र अलग-अलग विषय के अनुसार किए गए हैं। वही अभ्यर्थियों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि एक विषय के कई अभ्यर्थी एक साथ ऑनलाइन आवेदन किए। उन अभ्यर्थियों का रजिस्ट्रेशन क्रम अनुसार हुआ। और आयोग द्वारा उसी क्रम में अनुसार रोल नंबर आवंटित कर दिया गया हैं । जिससे बड़े पैमाने पर सेटिंग करके फार्म भरने वाले अभ्यर्थी आस पास बैठेंगे।जिससे नकल की सम्भवना ज्यादा बढ़ जाएगी।जिसके चलते एक बार फिर योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी सफलता नही पा सकेंगे।अभ्यर्थियों की मांग हैंएकि आयोग रेंडम के आधार पर रोल नंबर का आवंटन करे। इसी मुद्दे को लेकर अभ्यर्थियों ने आयोग का घेराव किया।

भाजपा ने की वादा खिलाफी
देर शाम तक धरने पर बैठे अभ्यर्थियों के दबाव में सचिव वार्ता को तैयार हुए। आयोग के सचिव जगदीश ने अभ्यर्थियों से साफ कहा कि शिकायतों की जांच होगी। किसी भी छात्र के अन्याय नहीं होगा। वहीं अभ्यर्थियों ने गोपनीय तौर से साक्ष्य भी सौपें। सचिव ने इन सभी मुद्दों पर जांच का आश्वासन दिया। लेकिन रोल नम्बर में किसी तरह का बदलाव नहीं हो सकता। बावजूद इसके अभ्यर्थियों की नाराजगी कम नही हुई उन्होंने कहा की भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया था। पर लोक सेवा आयोग की मनमानी, विवादित निर्णयों पर रोक लगाने, प्रदेश में चयन प्रक्रिया को पारदर्शी व भ्रष्टाचारमुक्त और भेदभाव रहित बनाने के लिए किये गये वादे को लागू करने के बजाय इस मुद्दे पर आवाज उठाने वाले छात्रों जेल भेजा जा रहा है।


उन्होंने कहा कि वादा तो 10 लाख खाली पदों को 90 दिनों में भर्तियां शुरू करने को कहा गया था। पर प्रदेश में हालात यह हैं कि पूर्व की भर्तियां भी अधर में लटकी हैं। माध्यमिक 2016 का विज्ञापन निरस्त कर दिया गया। एलटी ग्रेड की भर्ती भी शायद ही पूरी हो पाये। भर्तियों से जुड़े तमाम मामले न्यायालय में लंबित हैं । और कई भर्तियां 5 से 10 साल तक में पूरी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि एलटी परीक्षा में रोल सेटिंग कर धांधली के इस मामले को न्यायालय में भी चुनौती दी जायेगी।