फर्जी शिक्षकों की नौकरी पर आफत, उड़ी नींद

जागरण संवाददाता, बलिया : शासन से मिले निर्देश के बाद जनपद में परिषदीय विद्यालयों के फर्जी शिक्षकों पर एक बार फिर शामत आ गई है। उनकी नींद एक बार फिर गायब है।
वजह यह कि उनके सभी प्रमाण पत्रों सहित नियुक्ति प्रक्रिया की जांच के लिए जिलाधिकारी भवानी ¨सह खंगारौत ने भी निर्देश दे दिए हैं। इसके बाद बीएसए कार्यालय में सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्र खंगाले जा रहे हैं। शासन ने वर्ष 2010 के बाद की गई फर्जी व अनियमित नियुक्तियों की जांच कराने का निर्देश दिया है। जिले में भी फर्जी नियुक्तियों की जांच के लिए अपर जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित कर शिक्षकों के प्रमाण पत्र मांगे गए हैं। माना जा रहा है कि इसमें जनपद के कई फर्जी शिक्षक बेनकाब होंगे। वजह यह कि यह शोर भी यहां लंबे समय से है कि अभी भी फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर बहुत से चेहरे नौकरी कर रहे हैं। -कई ¨बदुओं पर होगी नियुक्ति की जांच

जिलाधिकारी ने बताया कि फर्जी नियुक्तियों की जांच में विभिन्न ¨बदुओं को शामिल किया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्त हुए शिक्षकों का उनके चयन वर्ष में प्रकाशित मेरिट सूची से मिलान किया जाएगा। कोषागार से वेतन सूची प्राप्त कर यह जांच की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि जिन शिक्षकों का नाम चयन सूची में था, उन्होंने इसके लिए कोई आवेदन किया था या नहीं। चयनित अभ्यर्थी की आवश्यक योग्यता की भी जांच की जा रही है। साथ ही यह परीक्षण भी किया जा रहा है कि जो शैक्षिक प्रमाणपत्र अभ्यर्थी ने लगाए हैं, उनके असली धारक वही हैं या कोई और है। प्रमाणपत्र का संबंधित बोर्ड से सत्यापन कराया जाएगा। दिव्यांगजन, अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य आरक्षित वर्ग के प्रमाणपत्रों का फिर से सत्यापन किया जा रहा है। इसके अलावा ऐसे शिक्षकों की सूची भी तैयार की जा रही है जिन्होंने नियुक्ति पत्र रजिस्टर्ड डाक की बजाय सीधे प्राप्त किए और अपनी योगदान आख्या स्कूलों में दी है।
-पहले पकड़े जा चुके हैं 19 फर्जी शिक्षक

इस आदेश से पहले ही जनपद के विभिन्न स्थानों से कुल 19 फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई है। नए आदेश के बाद पुन: सभी के प्रमाण पत्रों की जांच के लिए उनकी फाइल निकाली गई है। जांच टीम उसका पुन: सत्यापन करेगी। इसमें यदि कुछ भी गलत पाया जाता है तो उनकी सेवा समाप्त कर उनसे रिकवरी भी की जाएगी और वे सजा के भी हकदार होंगे।