इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए शिक्षामित्रों को प्राविधिक रूप से काउंसलिंग में शामिल करने का आदेश दिया है।इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट के भारांक देने के निर्णय के सापेक्ष ही देखा जा रहा है। फिलहाल इस भर्ती में शिक्षामित्रों के लिए आगे कि प्रक्रिया कुछ आसान होगी। क्योकि शिक्षामित्रों के काउंसलिंग में शामिल होने के बाद जिन्हें भारांक मिलेगा अगर उनका अंक निर्धारित पासिंग परसेंटेज में आ जाता हैं तो उनकी खाली पदों पर दावेदारी बढ़ जाएगी। गौरतलब है कि काफी संख्या में ऐसे शिक्षा मित्र हैं, जो निर्धारित पासिंग परसेंटेज से एक या दो अंक अथवा कुछ अंक की कमी से पास नहीं हो सके हैं।
क्या है मामला
याचिका के अनुसार 68500 शिक्षक भर्ती में 41556 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। जिनमे शिक्षामित्र भी शामिल है। लेकिन इस भर्ती में शामिल सभी शिक्षामित्रों को उनके सेवाकाल के अनुसार 2.5 अंक प्रतिवर्ष के तौर पर अधिकतम 25 अंक तक भारांक दिया जाना था। जो अब तक नहीं दिया जा सका है। जबकि इसके लिये शासनादेश भी जारी हुआ है। भारांक ना दिए जाने पर ही शिक्षामित्रों ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर अपनी मांग रखी। जिस पर न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की और अपीलार्थियों को प्राविधिक रूप से सहायक अध्यापक भर्ती काउंसलिंग में शामिल करने का आदेश दिया है।