जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले के परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च
प्राथमिक विद्यालयों में हुई मानकविहीन शिक्षक भर्ती मामले की चल रही जांच
अंतिम दौर में है। उम्मीद है कि एक सप्ताह में जांच की रिपोर्ट भी आ
जायेगी। जिसमें कई शिक्षकों के बर्खास्तगी की आशंका जतायी जा रही है।
इसी
तरह के मामलों में पहले भी दो दर्जन के करीब शिक्षकों को बर्खास्त किया जा
चुका है। विभाग की जांच जैसे-जैसे अंतिम चरण में पहुंचती जा रही है
वैसे-वैसे फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी करने वालों के हाथ-पांव
फूलते नजर आ रहे हैं।
जिले में बीते वर्षों में जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई उनमें से कइयों
की शिकायत हुई कि मानक के अनुसार इनकी नियुक्ति नहीं की गई। ऐसे में मामले
की जांच करायी गई। जांच हुई तो पता चला कि तत्कालीन बीएसए व कार्यालय के
एक लिपिक द्वारा मनमानी तरीके से मानकों को ताक पर रखकर नियुक्ति कर दी गई।
ऐसे में उनकी नियुक्ति को रद्द करते हुए तत्कालीन दो बीएसए अमरनाथ ¨सह व
मनभरनराम राजभर को निलंबित कर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई। इस मामले में
एक लिपिक पर भी गाज गिरी। मामला ठंडा पड़ा नहीं था कि पुन: कुछ शिक्षकों की
शिकायत हो गई। ऐसे में जांच के आधार पर दो गणित व विज्ञान के शिक्षकों की
नियुक्ति बर्खास्त कर दी गई। बीते करीब दो माह पहले भी शिकायतों पर हुई
जांच के आधार पर तीन शिक्षकों को बर्खास्त किया गया। इसके बाद तो एक के बाद
एक शिकायतें होने लगी। वर्तमान समय में करीब एक दर्जन से अधिक शिक्षकों की
जांच चल रही है। विभागीय सूत्रों की मानें तो जांच करीब-करीब अंतिम चरण
में है। एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट भी आ जाएगी। इस संबंध में बीएसए डा.
गोरखनाथ पटेल ने बताया कि जिनकी शिकायत हुई है उनकी जांच की जा रही है।
नियमानुसार जांच कर कार्रवाई की जाएगी। उम्मीद है कि एक सप्ताह में जांच
पूरी हो जाएगी।
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