कोर्ट ने कहा है कि, 18 अगस्त 2018 के शासनादेश के तहत उन्हें काउंसलिंग में शामिल होने दिया जाए लेकिन इस आदेश से उनके पक्ष में अधिकार सृजित नहीं होगा। कोर्ट ने राज्य सरकार से 17 सितम्बर तक विशेष अपील पर जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 26 सितम्बर को होगी।
यह आदेश जस्टिस गोविन्द माथुर तथा जस्टिस अशोक कुमार की खण्डपीठ ने कुलभूषण मिश्र व अन्य की विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए दिया है। एकलपीठ ने अपीलार्थी की याचिका खारिज कर दी थी जिसे अपील में चुनौती दी गई है। याची अपीलार्थी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों को लगातार दो भर्तियों में 2.5 अंक प्रतिवर्ष के भारांक के साथ शामिल होने की छूट दी है। इसके तहत शासनादेश भी जारी किया गया है। याची को 66 अंक मिले हैं और सामान्य वर्ग का कट ऑफ मार्क 67 है। यदि भारांक जोड़कर परिणाम घोषित किया जाए तो याचीगण भी सफल घोषित हो जायेंगे और भर्ती परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
एकलपीठ ने असहमति व्यक्त करते हुए याचिका खारिज कर दी थी। जिसे विशेष अपील में चुनौती दी गई है। अपीलार्थी याचीगण का कहना है कि शासनादेश के तहत शिक्षामित्रों को प्रतिवर्ष कार्य अवधि का भारांक देकर भर्ती परिणाम घोषित किया जाय। फिलहाल कोर्ट ने प्राविधिक रूप से याचियों को सहायक अध्यापक भर्ती काउंसलिंग में शामिल करने का अन्तरिम आदेश देते हुए राज्य सरकार व शिक्षा विभाग से जवाब मांगा है।