प्रमाण पत्रों की जांच के बाद ही शिक्षकों का वेतन आहरित किया जाता है। जांच के दायरे में चल रहे शिक्षकों में अब तक 150 शिक्षकों के दो अथवा तीन प्रमाणपत्र ही सत्यापित हुए हैं। विभाग के अधिकारियों व बाबुओं ने भी जांच के लिए भेजे प्रमाण पत्रों के वापस न आने पर संस्थानों से सत्यापन नहीं करने का कारण भी नहीं पूछा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों एंव बाबुओं ने इनको पाक साफ मान लिया और शिक्षकों का वेतन आहरित कर दिया। ऐसे में सालों से ये शिक्षक अपना वेतन पा रहे हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल ने बताया कि शिक्षकों के प्रमाणपत्र सत्यापित होने के लिए भेजे जाते हैं। प्रमाण पत्रों के सत्यापित होकर आने में समय लग जाता है।
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