एसटीएफ ने फर्जी डिग्री के चार शिक्षकों को दबोचा

बलरामपुर/लखनऊ। एसटीएफ ने फर्जी डिग्री के सहारे 10 साल से शिक्षक की नौकरी कर रहे चार अध्यापकों को बलरामपुर के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया है। यह शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के सहारे अपनी पहचान छिपाते हुए 2009 में शिक्षक बन गए थे। एसटीएफ की टीम दो दिनों से बेसिक शिक्षा विभाग में दस्तावेज खंगाल रही थी।

एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग में दूसरे के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का प्रयोग करके उसी व्यक्ति के नाम पर नियुक्ति पत्र हासिल कर नौकरी करने वालों के बारे में लगातार सूचनाएं मिल रही थीं। उक्त सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक सत्यसेन यादव के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर बलरामपुर भेजा गया था। यहां से शंभू सरन पांडेय, जीवन ज्योति शुक्ला, बिंदेश्वरी प्रसाद तिवारी और मनोज यादव को गिरफ्तार कर लिया। यह सभी दूसरे के दस्तावेजों पर दूसरे के नाम से बतौर शिक्षक नौकरी कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि बलरामपुर के प्राथमिक विद्यालय मढ़नी पुर सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत शंभूसरन पांडेय ने सौरभ कुमार पांडेय जो पूर्व माध्यमिक विद्यालय पुदुमपुर रामराय क्षेत्र जखनिया, गाजीपुर में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं, के प्रमाणपत्रों का प्रयोग कर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल कर ली। जबकि वास्तविक सौरभ कुमार पांडेय सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय पुदुमपुर रामराय क्षेत्र जखनिया गाजीपुर में 2009 में विशिष्ट बीटीसी के आधार पर भर्ती हुआ था और वह महराजगंज में नियुक्त है।

इसी तरह बिंदेश्वरी प्रसाद तिवारी ने शशिकेश तिवारी ने सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय चरभरिया क्षेत्र निचलौल, महराजगंज के दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली थी। जबकि वास्तविक शशिकेश तिवारी पूर्व माध्यमिक विद्यालय चरभरिया क्षेत्र निचलौल, महराजगंज में बतौर सहायक शिक्षक नौकरी कर रहे हैं।

गिरफ्तार किए गए तीसरे अभियुक्त जीवन ज्योति शुक्ला निवासी ओरीजोत, कोतवाली नगर, बस्ती ने बताया कि उसने अपने शैक्षिक प्रमाण पत्रों में हेराफेरी करके अंकंो को बढ़ा कर फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार किए और नौकरी हासिल की थी।

उधर, बलरामपुर में बेसिक शिक्षा कार्यालय के वरिष्ठ सहायक रक्षा राम ने बताया कि 2008 में डायट से विशिष्ट बीटीसी सामान्य से छह माह की ट्रेनिंग के बाद प्राथमिक स्कूलों में सौरभ पांडेय, मनोज कुमार दूबे, शशिकेष तिवारी, संजय यादव व जीवन ज्योति को तैनात किया गया था। वर्तमान में इन सभी शिक्षकों की शिक्षा क्षेत्र पचपेड़वा के स्कूलों में इनकी तैनाती थी।

रक्षाराम का दावा है कि विभाग ने पहले ही संजय यादव व अभिषेक सिंह को बर्खास्त करके एफआईआर दर्ज करा दी थी। जबकि मनोज कुमार दूबे त्याग पत्र दे चुका है। सौरभ पांडेय व शशिकेश तिवारी का वेतन रोक कर विभागीय जांच की जा रही है।

कई जिलों से जुड़े हैं इस फर्जीवाड़े के तार
अभिषेक सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए मनोज से जो जानकारी हासिल हुई है, उसके मुताबिक वह अपने गांव के राजन तिवारी के माध्यम से जो कि स्वयं मनोज कुमार दूबे के नाम से प्राथमिक विद्यालय गोडसीपुर रेहरा बजार बलरामपुर में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त है ने उसका परिचय गोरखपुर निवासी मनोज जायसवाल से 2009 में कराया था। जिसने हमारी (मनोज यादव) की नियुक्ति फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर संजय यादव के नाम से बलरामपुर में करा दी। इस मामले में कई और लोगों के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने की जानकारी मिली है, जिसके बारे में एसटीएफ पड़ताल कर रही है। बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ बलरामपुर में ही संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दाखिल कर दिया गया है।

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