राज्य में आउटसोर्स कार्मिकों के वेतन और भत्ते तय करेगी समिति, मुख्य सचिव ने जल्द शासनादेश जारी कराने का दिया आश्वासन

लखनऊ : नियमित भर्ती की बजाय सरकारी विभागों में आउटसोर्सिग से रखे जा रहे कर्मचारियों के हितों का संरक्षण और उनके न्यूनतम वेतन-भत्ते शासकीय समिति तय करेगी।
अपर मुख्य सचिव नियुक्ति व कार्मिक मुकुल सिंघल की अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति एक महीने में अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय को देगी। एसजीएसटी की छूट देकर कल्याण निगम की कैंटीनों को पुनर्जीवन देने के लिए भी खाद्य एवं रसद, वित्त तथा कर एवं निबंधन विभाग जल्द बैठक करेंगे।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के एक गुट के साथ बैठक के बाद कार्मिक विभाग ने कार्यवृत्त जारी करते हुए कर्मचारियों को यह लिखित आश्वासन दिया है। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र व अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने, वेतन समिति की संस्तुतियां लागू करने और शेष बचे भत्तों पर इसी महीने कैबिनेट में प्रस्ताव लाने का वादा किया है। कार्मिक विभाग से जारी कार्यवृत्त में पूर्व विनियमित कर्मचारियों की अर्हकारी सेवाएं जोड़ते हुए पेंशन निर्धारित करने और इस बाबत न्यायालयों के फैसलों को भी ध्यान में रखने के साथ ही कैशलेस इलाज की व्यवस्था में तेजी लाने का भी आश्वासन दिया गया है। परिषद पदाधिकारियों ने बताया कि मुख्य सचिव ने कई मांगों पर एक महीने में शासनादेश जारी कराने की बात कही है।

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