बीटीसी फोर्थ सेमेस्टर के प्रशिक्षुओं के लिए राहत भरी खबर है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आश्वासन के बाद दिसंबर में होने वाले सहायक
अध्यापक भर्ती में शामिल होने की उम्मीद बरकरार दिख रही है।
पूरे प्रदेश में करीब 72 हजार के आसपास बीटीसी प्रशिक्षु चैथे सेमेस्टर
की परीक्षा के इंतजार में हैं। बीते 8 से 10 अक्टूबर तक परीक्षा कराने के
लिए इन प्रशिक्षुओं को प्रवेश पत्र जारी हुआ था। लेकिन परीक्षा के ऐन पहले
ही कौशाम्बी में तीन दिनों में होने वाले सातों विषयों का पेपर व्हाट्सएप
पर वायरल हो गया था। पेपर लीक होने के बाद परीक्षा कैंसिल कर दिया गया। इसी
के साथ इन प्रशिक्षुओं का भविष्य भी अधर में लटक गया। वजह यह कि इस
परीक्षा का रिजल्ट नहीं आने की वजह से वे लोग दिसंबर में आने वाली यूपी
सहायक शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं हो सकेंगे। प्रशिक्षुओं का कहना है कि
वे लोग आगामी चार नवम्बर को होने वाली टीईटी परीक्षा में शामिल तो हो
जाएंगे लेकिन शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि बीटीसी का
रिजल्ट आए बगैर वे लोग नियुक्ति नहीं पा सकते।
यही वजह है कि बीटीसी
अभ्यर्थी कई दिनों से परीक्षा जल्द से जल्द कराकर रिजल्ट जारी करने की मांग
कर रहे थे। इनका कहना था कि पेपर लीक प्रशासनिक लापरवाही की वजह से हुआ।
इस वजह से उनके भविष्य को चैपट नहीं किया जाए।
बुधवार को बीटीसी
प्रशिक्षुओं ने प्रदर्शन के दौरान गोरखनाथ मंदिर पहुंचने की कोशिश भी की थी
लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर उनको रोक दिया था। हालांकि, बाद में
प्रशासनिक अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मिलवाने का आश्वासन दिया तो बीटीसी
प्रशिक्षुओं ने अपना आंदोलन खत्म किया था।
गुरुवार को प्रशिक्षुओं का
एक प्रतिनिधिमंडल सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात किया। प्रतिनिधिमंडल के
साथ डाॅयट प्राचार्य जय प्रकाश भी मौजूद रहे। प्रतिनिधिमंडल ने बीटीसी
प्रशिक्षु 2015 चतुर्थ सेमेस्टर की निरस्त परीक्षा शीघ्र कराने की मांग
रखी। प्रतिनिधिमंडल में शामिल निलेश कुमार पाल, विशांत श्रीवास्तव,
कन्हैया, अरुणिमा यादव और नेहा सिंह की बात सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने
उन्हें आश्वस्त किया कि निरस्त परीक्षाएं शीघ्र सम्पन्न कराई जाएंगी।
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