बीटीसी अभ्यर्थी वहीं पर धरने पर बैठ गए. उसके बाद पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की. लेकिन, जब अभ्यर्थी नहीं मानें, तो पुलिस ने वहां मौजूद महिलाओं पर वाटर कैनन का वार करना शुरू दिया. लेकिन, ये महिला अभ्यर्थियों की हिम्मत ही थी कि पुलिसवालों द्वारा उनकी इज्जत की परवाह नहीं करने के बावजूद वे मैदान में डटी रहीं.
पुलिसवालों का मन इस पर भी नहीं भरा, तो उन्होंने धरना दे रहे पुरुष अभ्यर्थियों को लाठियां लेकर दौड़ा लिया. इतना ही नहीं, पुलिसवालों ने दुकान में घुस-घुस कर उनके ऊपर लाठियां चटकाईं. पुलिसवालों के उग्र रवैये को देखकर अभ्यर्थियों को पीछे हटना पड़ा.
2015 बैच के बीटीसी अभ्यर्थियों का कहना है कि चौथे समेस्टर की परीक्षा 8 और 10 अक्टूबर को होनी थी. लेकिन, साजिश के तहत पर्चा आउट कर दिया गया. इस कारण अधिकारियों ने परीक्षा रद्द कर दी. उनका कहना है कि समय से उनकी परीक्षा नहीं कराई जाएगी, तो दिसंबर में होने वाली टीईटी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाएंगे. इसके बाद परीक्षा में सम्मिलित होने की अर्हता उम्र समाप्त होने के कारण उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा.
इसी मांग को लेकर वे मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे थे. उनका आरोप है कि ये 90 हजार बीटीसी प्रशिक्षुओं के खिलाफ षड्यंत्र है. क्योंकि परीक्षा रद्द होने के बाद अब तक कोई अन्य तारीख घोषित नहीं की गई. बीटीसी की डिग्री नहीं मिलने के कारण वे 15 दिसंबर को होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे.
इस मामले में एसपी सिटी विनय कुमार सिंह कहा कहना है कि शास्त्री चौक पर सैकड़ों की संख्या में बीटीसी अभ्यर्थी बैगर पूर्व सूचना और अनुमति के जुटे और वे गोरखनाथ मंदिर की ओर बढ़ रहे थे. धर्मशाला पुल के पास उन्हें रोकने का प्रयास किया गया. लेकिन, वे नहीं रुके. उनका कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री से पांच की संख्या में मिलवाने की बात कही गई है. जिसके बाद सभी अभ्यर्थी वापस लौट गए.