लॉकडाउन के बाद भी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने के लिए बेसिक-माध्यमिक व उच्च-प्राविधिक शिक्षा के अपने चैनल होंगे। वहीं शिक्षण सामग्री वाली वेबसाइट पर डाटा रियायती दरों पर मिल सकता है। जूम की तरह अन्य लर्निंग प्लेटफार्म तैयार किए जाएंगे। वहीं कई तरह की अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मसलन टीवी, टैबलेट,
लैपटॉप आदि भी दिए जाएंगे। यह सुझाव डिजिटल लर्निंग के लिए बनी कमेटी ने दिए हैं। कुल 9 सुझावों को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेज दिया है। उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन सुझावों को मंजूरी दे दी गई। सूत्रों के मुताबिक, इसमें सबसे अहम सुझाव यह दिया गया कि शैक्षणिक सामग्री वाली वेबसाइट पर डाटा के खर्च को कम किया जाए और इस पर सरकार सब्सिडी दे। इसके लिए सरकार और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कम्पनी के बीच करार किया जाएगा। यदि इस सुझाव को मंजूरी मिलती है तो बच्चों को इंटरनेट पर आने वाले खर्चे से बचाया जा सकेगा और गरीब बच्चों तक आसानी से शैक्षणिक सामग्री पहुंच सके। वहीं यह सुझाव भी दिया गया कि स्कूलों में टीवी लगवाई जाए ताकि ऑनलाइन लर्निंग बच्चों की आदत में शुमार हो सके। वहीं टैबलेट, स्मार्ट फोन आदि शेयरिंग में भी दिए जा सकते हैं। जूम की तरह लर्निंग के और प्लेटफार्म भी केवल शैक्षणिक कार्यों के लिए विकसित करने पर भी सहमित बन चुकी है। इसके अलावा कम्युनिटी रेडियो और कम्युनिटी टीवी पढ़ाई के लिए जरूरी चीजों में शामिल होंगे। यह कमेटी एकेटीयू के कुलपति विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में बनाई गई थी। बैठक में प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)सतीश चंद्र द्विवेदी, एकेटीयू के कुलपति विनय कुमार पाठक, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग, माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरन आनंद समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
लैपटॉप आदि भी दिए जाएंगे। यह सुझाव डिजिटल लर्निंग के लिए बनी कमेटी ने दिए हैं। कुल 9 सुझावों को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेज दिया है। उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन सुझावों को मंजूरी दे दी गई। सूत्रों के मुताबिक, इसमें सबसे अहम सुझाव यह दिया गया कि शैक्षणिक सामग्री वाली वेबसाइट पर डाटा के खर्च को कम किया जाए और इस पर सरकार सब्सिडी दे। इसके लिए सरकार और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कम्पनी के बीच करार किया जाएगा। यदि इस सुझाव को मंजूरी मिलती है तो बच्चों को इंटरनेट पर आने वाले खर्चे से बचाया जा सकेगा और गरीब बच्चों तक आसानी से शैक्षणिक सामग्री पहुंच सके। वहीं यह सुझाव भी दिया गया कि स्कूलों में टीवी लगवाई जाए ताकि ऑनलाइन लर्निंग बच्चों की आदत में शुमार हो सके। वहीं टैबलेट, स्मार्ट फोन आदि शेयरिंग में भी दिए जा सकते हैं। जूम की तरह लर्निंग के और प्लेटफार्म भी केवल शैक्षणिक कार्यों के लिए विकसित करने पर भी सहमित बन चुकी है। इसके अलावा कम्युनिटी रेडियो और कम्युनिटी टीवी पढ़ाई के लिए जरूरी चीजों में शामिल होंगे। यह कमेटी एकेटीयू के कुलपति विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में बनाई गई थी। बैठक में प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)सतीश चंद्र द्विवेदी, एकेटीयू के कुलपति विनय कुमार पाठक, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग, माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरन आनंद समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।