डीएलएड-बीटीसी कॉलेजों, इसका पाठ्यक्रम, मान्यता और इसमें प्रवेश की व्यवस्था पर विचार करने के लिए 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह समिति अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा की अध्यक्षता में बनाई गई है।
यह समिति विचार करेगी कि बीते सालों में कितने शिक्षकों की जरूरत हुई और कितने बीटीसी प्रशिक्षु पढ़ कर निकले। निजी कॉलेजों को मान्यता दिए जाने की आवश्यकता, निर्धारित मानकों को पूरा और पूरा न करने वाले महाविद्यालयों की संख्या, ऐसे निजी महाविद्यालयों का विवरण जिन्होंने प्रशिक्षण चलाने में अनियमितता बरती आदि बिन्दुओं पर कमेटी जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट राज्य परियोजना निदेशक को सौंपेगी। इस कमेटी में सदस्य सचिव स्कूल शिक्षा में वरिष्ठ विशेषज्ञ राजेन्द्र कुमार होंगे और इसके सदस्य संयुक्त निदेशक एससीईआरटी अजय सिंह, संयुक्त निदेशक बेसिक शिक्षा गणेश कुमार, वरिष्ठ विशेषज्ञ समग्र शिक्षा आनंद कुमार पाण्डेय व वित्त नियंत्रक समग्र शिक्षा होंगे। इस समय यूपी में डीएलएड-बीटीसी की 2.5 लाख से भी ज्यादा सीटें हैं। इसमें 10,600 सीट ही सरकारी कॉलेजों में हैं। बाकी की सीटें निजी कॉलेजों में हैं। निजी कॉलेजों में डीएलएड की मान्यता 2013 के बाद दी गई।
यह समिति विचार करेगी कि बीते सालों में कितने शिक्षकों की जरूरत हुई और कितने बीटीसी प्रशिक्षु पढ़ कर निकले। निजी कॉलेजों को मान्यता दिए जाने की आवश्यकता, निर्धारित मानकों को पूरा और पूरा न करने वाले महाविद्यालयों की संख्या, ऐसे निजी महाविद्यालयों का विवरण जिन्होंने प्रशिक्षण चलाने में अनियमितता बरती आदि बिन्दुओं पर कमेटी जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट राज्य परियोजना निदेशक को सौंपेगी। इस कमेटी में सदस्य सचिव स्कूल शिक्षा में वरिष्ठ विशेषज्ञ राजेन्द्र कुमार होंगे और इसके सदस्य संयुक्त निदेशक एससीईआरटी अजय सिंह, संयुक्त निदेशक बेसिक शिक्षा गणेश कुमार, वरिष्ठ विशेषज्ञ समग्र शिक्षा आनंद कुमार पाण्डेय व वित्त नियंत्रक समग्र शिक्षा होंगे। इस समय यूपी में डीएलएड-बीटीसी की 2.5 लाख से भी ज्यादा सीटें हैं। इसमें 10,600 सीट ही सरकारी कॉलेजों में हैं। बाकी की सीटें निजी कॉलेजों में हैं। निजी कॉलेजों में डीएलएड की मान्यता 2013 के बाद दी गई।