प्रयागराज : यूपी बोर्ड की ओर से संचालित माध्यमिक कालेजों में पाठ्यक्रम घटाया जाना है। बोर्ड प्रशासन पाठ्यक्रम सिर्फ इसी वर्ष के लिए कम करेगा, अगले वर्षो में तय पाठ की पढ़ाई होगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई यह एलान कर चुका है, जबकि बोर्ड के प्रस्ताव पर शासन से अनुमोदन का इंतजार किया जा रहा है। विभाग कोरोना संक्रमण का प्रभाव पठन-पाठन पर कब तक पड़ेगा इसका अनुमान लगा रहा है इसीलिए आदेश देने में विलंब हो रहा है।
शैक्षिक सत्र अप्रैल से ही शुरू है। प्राथमिक की तर्ज पर माध्यमिक कालेजों के लिए हर वर्ष का शैक्षिक पंचांग जारी होता है, इसमें किस माह में कितनी पढ़ाई होती है इसका जिक्र रहता है। जुलाई आधा बीत रहा है और अब तक कालेजों को संचालित करने के हालात नहीं है। हालांकि बोर्ड प्रशासन हाईस्कूल व इंटर के अभ्यर्थियों से परीक्षा फार्म भरा रहा है और कक्षा नौ व 11 में पंजीकरण करा शुरू करा चुका है। इससे भी पढ़ाई नहीं हो रही है, यह जरूर है कि ऑनलाइन माध्यम से छात्र-छात्रओं को पढ़ाने का दावा किया जा रहा है ऐसे छात्रों की संख्या बहुत कम है। यूपी बोर्ड ने पहले 2020 का परिणाम जारी किया और फिर पाठ्यक्रम घटाने का प्रस्ताव तैयार किया। इसमें शासन को अलग-अलग सुझाव दिया गया है। आसार हैं कि सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड भी करीब 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम कम करने का एलान करेगा और यह कटौती सिर्फ इसी वर्ष के लिए होगी। शासन प्रस्ताव का अनुमोदन करके पाठ्यक्रम घटाने का एलान कभी भी कर सकता है। यह भी संकेत है कि कंपार्टमेंट परीक्षा और पाठ्यक्रम की घोषणा एक साथ कर दी जाए। ज्ञात हो कि हाईस्कूल व इंटर की कंपार्टमेंट परीक्षा की तारीख अभी घोषित नहीं है। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल का कहना है कि उन्हें शासन के आदेश का इंतजार है।