इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीजीटी (शारीरिक शिक्षा) परीक्षा रद्द करने, घोषित परिणाम पर रोक लगाने और पुनरीक्षित परिणाम घोषित करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार व चयनित अभ्यर्थियों से जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला ने प्रयागराज के विमल तिवारी की याचिका पर अधिवक्ता प्रतीक चंद्रा को सुनकर दिया है। एडवोकेट प्रतीक चंद्रा ने बताया कि याची लिखित परीक्षा में सफलता के बाद साक्षात्कार में शामिल हुआ। लेकिन अंतिम परिणाम घोषित किया गया तो याची का नाम चयन सूची में नहीं था।
याची को पता चला है कि लिखित परीक्षा, साक्षात्कार व अंतिम चयन सूची तैयार करने में तीनों स्तर पर आरक्षण लागू किया गया है, जो विधिविरुद्ध और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। याचिका में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को परिणाम पुनरीक्षित कर याची की नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की गई है।