विश्वविद्यालय की परीक्षाओं पर अगले एक-दो दिनों में निर्णय लिया जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नई गाइडलाइन के मुताबिक राज्य सरकार इस पर फैसला लेगी। उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने यह ऐलान 'हिन्दुस्तान' द्वारा आयोजित ई-संवाद में किया। 'कोरोना काल में नए शैक्षिक सत्र की चुनौतियां' विषय पर आयोजित ई-संवाद को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमने कल ही शैक्षिक कलेंडर जारी किया था लेकिन यूजीसी की गाइडलाइन कुछ और हैं।
इधर जल्दी-जल्दी यूजीसी की गाइडलाइन बदल कर आई हैं। हमने कोर्स शेड्यूल तैयार रखा था। परीक्षाएं कैसे होंगी या नहीं होंगी, क्या हम प्रमोशन देंगे, फाइनल इयर की परीक्षा लेंगे। ये कुछ यक्ष प्रश्न थे। इनके जवाब तलाशते हुए हम समाधान तक पहुंच चुके थे लेकिन यूजीसी ने अपनी गाइडलाइन बदली हैं। इससे सामंजस्य स्थापित करते हुए हमें प्रमोशन देना है या परीक्षाएं लेनी है, इस निष्कर्ष पर हम एक-दो दिन में पहुंच जाएंगे।
ई-संवाद को संबोधित करते हुए सीबीएसई के पूर्व अध्यक्ष अशोक गागुंली ने ऑनलाइन शिक्षा में चॉक और ब्लैकबोर्ड प्रणाली को किनारे करने का सुझाव देते हुए कहा कि हमें इसमें चार 'ई' पर ध्यान देना होगा। पहले बच्चे को 'इंगेज' करें,'एक्स्प्लोर' करने का मौका दें, बच्चे को 'एक्सप्लेन' करें, जो बच्चे को ज्ञान दें रहे हैं उसे 'एक्सटेंड' करें यानी जो ज्ञान उसने हासिल किया उसे लागू करें। तब जाकर ऑनलाइन शिक्षा प्रभावी होगी।
लखनऊ विवि के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने विवि में लागू किए जाने वाले स्लिप माड्यूल की जानकारी देते हुए कहा कि बच्चे घर में करे व विवि में आकर अपनी जिज्ञासाओं को शांत करें। एकेटीयू के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने डिजिटल शिक्षा के लिए संसाधन जुटाने पर जोर दिया। उन्होंने इंटरनेट के साथ ही अखबार, रेडियो, टीवी आदि को साथ लेकर चलने पर बल दिया।