प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के स्थानांतरण में निदेशक की रोक के बाद भी मनमाने तरीके से पहुंच बाले शिक्षकों के स्थानांतरण हो रहे हैं। प्रदेश के हजारों शिक्षक सरकार की ओर से स्थानांतरण पर लगी रोक के हटाए जाने का इंतजार कर रहे हैं। साल भर से 32 शिक्षक-शिक्षिकाओं की फाइल सारी
औपचारिकताएं पूरी होने के बाद भी निदेशालय में निदेशक. माध्यमिक के आदेश का इंतजार कर रही हैं। वहीं स्थानांतरण पर रोक के बाद भी प्रदेश सरकार में पहुंच रखने वाली दो शिक्षिकाओं और एक शिक्षक का स्थानांतरण आदेश चुपचाप जारी कर दिया गया। जो स्थानांतरण हुए उसमें पहला, मई में प्रयागगज से लखनऊ जबकि बाको दो स्थानांतरण बीती नौ जुलाई को हुए। इसमें एक वाराणसी में एक स्कूल से दूसरे स्कूल और दूसरा बांदा के एक स्कूल से कानपुर नगर। जबकि शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने ऑफलाइन स्थानांतरण की पत्रावली शिक्षा निदेशालय को अग्रसारित करने पर रोक लगा रखी है।
औपचारिकताएं पूरी होने के बाद भी निदेशालय में निदेशक. माध्यमिक के आदेश का इंतजार कर रही हैं। वहीं स्थानांतरण पर रोक के बाद भी प्रदेश सरकार में पहुंच रखने वाली दो शिक्षिकाओं और एक शिक्षक का स्थानांतरण आदेश चुपचाप जारी कर दिया गया। जो स्थानांतरण हुए उसमें पहला, मई में प्रयागगज से लखनऊ जबकि बाको दो स्थानांतरण बीती नौ जुलाई को हुए। इसमें एक वाराणसी में एक स्कूल से दूसरे स्कूल और दूसरा बांदा के एक स्कूल से कानपुर नगर। जबकि शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने ऑफलाइन स्थानांतरण की पत्रावली शिक्षा निदेशालय को अग्रसारित करने पर रोक लगा रखी है।
डीआईओएस ने निदेशक को नहीं दी सूचना
शिक्षा निदेशक की ओर से ऑनलाइन स्थानांतरण के लिए प्रदेश के जिला विद्यालय
निरीक्षकों से चार बार जानकारी मांगी गई। इसमें प्रदेश के मात्र पांच जिला विद्यालय
निरीक्षकों ने ही जानकारी भेजी। शिक्षा निदेशक को ओर से चार बार दिए गए
आदेश का पालन न किए जाने पर भी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की
गई। स्थानांतरण को लेकर 11 शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है
जबकि अधिकारी पहुंच वालों का गुचचुप तरीके से स्थानांतरण कर दे रहे हैं।