डेढ़ साल से विवादों के भंवर में फंसी 69000 शिक्षक भर्ती की राह जल्द आसान होगी। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 14 की जगह 15 जुलाई को करने जा रहा है। पिछले दिनों शीर्ष कोर्ट ने भर्ती से जुड़ी अन्य याचिकाओं की सुनवाई में जिस तरह से टिप्पणियां की हैं, उससे स्पष्ट है कि शीर्ष कोर्ट ने सुनवाई की तारीख भले ही लंबे अंतराल पर लगाई है लेकिन, फैसले में अधिक वक्त नहीं लगेगा। जिला आवंटन पा चुके अभ्यर्थी एक माह से नियुक्ति पाने का इंतजार कर रहे हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती से विवादों का अंत नहीं हो रहा। पहले यह भर्ती कटऑफ अंक को लेकर हाईकोर्ट में लंबे समय तक फंसी रही। फिर प्रश्नों के जवाब को लेकर ऐन वक्त पर काउंसिलिंग रोकनी पड़ी। शिक्षामित्रों के चयन को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने 37339 पद भरने पर रोक लगा रखी है। हर बार कोर्ट ने भर्ती के अहम मोड़ पर स्थगनादेश जारी किया है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने तीन जून को लिखित परीक्षा में पूछे गए 142 प्रश्नों का यूजीसी के विशेषज्ञों से परीक्षण कराने का आदेश दिया था। उस पर 12 जून को दो जजों की पीठ ने रोक लगाकर प्रश्नों के विवाद का अंत कर दिया है। लेकिन, नौ जून को शीर्ष कोर्ट के आदेश की वजह से यह भर्ती अधर में है।
सुप्रीम कोर्ट में अभ्यर्थियों ने दो जजों की पीठ के आदेश को चुनौती देने के लिए कई याचिकाएं की। पिछले दिनों हुई सुनवाई में कोर्ट ने किसी मामले में अभ्यर्थियों को राहत नहीं दी है, बल्कि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी जरूर की थी कि वह अगली तारीख पर सुनवाई करके फैसला देगा। बीच में मॉडिफिकेशन याचिका आदि पर सुनवाई नहीं होगी। ज्ञात हो कि प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट का 12 जून का आदेश आने के बाद शीर्ष कोर्ट में मॉडिफिकेशन याचिका दाखिल करके सुनवाई का अनुरोध किया था, सरकार का कहना था कि नौ जून का आदेश उसे बिना सुने किया गया है। इसकी सुनवाई पहले 14 जुलाई को होनी थी लेकिन, कोर्ट ने उसे एक दिन और आगे बढ़ाकर 15 जुलाई कर दिया है। इसका फैसला आने के बाद काउंसिलिंग कराकर नियुक्तियां होंगी।