सौं अंकों की कसौटी पर कसे जाएंगे गुरुजी -राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए मानक जारी

गुरुजी भले ही कितनी कॉपियां जांच चुके हों लेकिन अब उन्हें पुरस्कार पाने के लिए नंबर हासिल करने होंगे। माध्यमिक शिक्षा विभाग में राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए प्रधानाचार्य व अध्यापकों के लिए विद्यालय प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन व स्कूल प्रदर्शन से संबंधित मानक तय किए गए हैं। कुल 95 अंकों के मानक तय किए गए हैं और 5 अंक

सामान्य ज्ञान, अभिव्यक्ति, व्यक्तित्व के लिए दिए जाएंगे। न्यूनतम 40 अंक पाने वाले ही इसकी दौड़ में शामिल हो सकेंगे। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने आदेश जारी कर दिया है। प्रधानाध्यापक के लिए 15 वर्ष की सेवा, जिसमें से 5 वर्ष प्रधानाध्यापक के पद पर और अध्यापकों के लिए 10 वर्ष की सेवा अनिवार्य होगी। इसके ऑनलाइन आवेदन लेकर हर वर्ष 9 अध्यापकों को इसके लिए चुना जाएगा। मानकों में कक्षा में पढ़ाने के तरीके, यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर, खेलकूद, एनसीसी, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज में प्रदर्शन, बेस्ट प्रैक्टिस आदि के कई मानक तय किए गए हैं। सबके लिए अलग-अलग नंबर भी हैं।आवेदनों का परीक्षण पहले जनपदस्तरीय कमेटी, फिर मंडल कमेटी और इसके बाद राज्य स्तरीय कमेटी करेगी। जनपदस्तर की कमेटी को स्थलीय निरीक्षण करना होगा। अभ्यर्थियों को यथासंभव प्रमाणपत्र भी अपलोड करने होंगे। जिलास्तरीय कमेटी सभी आवेदनों में से 3 अभ्यर्थियों के आवेदन मंडल स्तरीय कमेटी को देगी। मंडल स्तरीय कमेटी केवल दो अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र राज्य स्तरीय कमेटी को देगी।