अमेठी। बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में संविदा पर तैनात 19 अंशकालिक शिक्षकों को हटा दिया है। हटाए गए शिक्षकों में अधिकांश असंगत विषयों का शिक्षण कार्य कर रहे थे। शासन के निर्देश पर हुई कार्रवाई से हटाए गए शिक्षकों में हड़कंप मचा है।
जिले के सभी 13 ब्लॉकों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों का संचालन होता है। इन विद्यालयों में पूर्णकालिक के साथ ही अधिकांश अंशकालिक टीचर वर्ष 2010 से पहले से काम कर रहे हैं। सरकार ने वर्ष 2013 में केजीबीवी में अंशकालिक टीचर्स की नियुक्ति व उनके रिन्यूवल के नियमों में परिवर्तन किया था।
शासन ने पिछले दिनों सभी जिलों के बीएसए को पत्र भेजकर असंगत विषयों का शिक्षण कार्य करने वालों के साथ ऐसे अंशकालिक टीचर्स को हटाने का निर्देश दिया था जिस विषय में पूर्णकालिक टीचर की तैनाती हो।
शासन के निर्देश पर बीएसए विनोद कुमार मिश्र ने जिन टीचर्स की संविदा समाप्त कर दी है उनमें केजीबीवी भादर के राम शिरोमणि व वीना सिंह, संग्रामपुर की मालती देवी व अजय कुमार पांडेय, शाहगढ़ के लव कुश गुप्ता, अमेठी की लक्ष्मी तिवारी, जामो की आरती गुप्ता व संगीता मिश्रा, बहादुरपुर की सीमा मिश्रा व नीतू सिंह, सिंहपुर के अमित कुमार सिंह, भेटुआ की अनिता, मुसाफिरखाना के धर्मेंद्र कुमार व रजनी सिंह, शुकुल बाजार की संध्या सिंह, शंकर पाल व सुनीता सिंह, तिलोई के सूर्यकांत ओझा व जगदीशपुर केजीबीवी की माधुरी शामिल हैं।
बीएसए की ओर से पिछले तीन नवंबर को की गई इस कार्रवाई के मंगलवार को सार्वजनिक होने के बाद जद में आने वाले सभी 19 शिक्षकों में हड़कंप मचा है।
बीएसए द्वारा पदमुक्त किए जाने की कार्रवाई के बाद पांच शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट परिसर में बेमियादी अनशन शुरू कर दिया है। अनशन पर बैठे शंकर पाल, सीमा मिश्रा, नीतू सिंह, वीना सिंह व मालती देवी का कहना है कि वे शासन के नियमों में फिट बैठती हैं।
बावजूद इसके उन्हें हटा दिया गया। अनशन पर बैठे शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा विभाग पर नियम विरुद्ध तरीके से बिना टीईटी शिक्षकों को समायोजित करने का भी आरोप लगाया। शिक्षकों ने बीएसए को ज्ञापन देकर समायोजन होने तक अनशन जारी रखने की बात कही है।