बिहार की तरह यूपी के छात्रों में आक्रोश नई शिक्षक भर्ती की मांग को पूरे भारत में कराया ट्रेंड फिर भी उत्तर प्रदेश सरकार मौन- बंटी पाण्डेय
लखनऊ :-
उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी एक चुनावी जुमला बनता जा रहा है।बिहार की तरह उत्तर प्रदेश के युवाओं में आक्रोश बढता जा रहा है।सरकार के मनमाने रवैया एवं युवाओं की अनदेखी रवैया से युवाओं का खेमा नाराज है।यहां भर्ती तो निकलती नहीं जब निकलने की बारी आती है तो केवल लेट लतीफ सरकार द्वारा इसलिए किया जाता है चुनाव में उनको जुमला फेकने का अवसर मिल सके।उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती एक अभिशाप है यहाँ शिक्षक भर्ती के साथ सियासत और वोट बैंक से जोड़ कर देखा जाता है।वहीं शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे शिक्षक नेता बंटी पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश के बेरोजगार युवा छात्रों ने ट्विटर पर इस हैशटैग(#YOGIJI_RELEASE_UPPRT_VACANCY) का प्रयोग करके पूरे दिन मामले को भारत के साथ साथ यूपी में नम्बर एक पर ट्रेंड करवाया।इस मुद्दे को ट्रेंड करवाने में प्रदेश के सभी लोगों नें साथ दिया जिनमें राजवसु यादव,नेहा तिवारी,नेहा निर्मल,आकांक्षा यादव,अमित,विवेक यदुवंशी,नरोत्तम यादव,भानु शुक्ला, अभिषेक पाठक,विपुल मिश्र,शिवम द्विवेदी, कोमल जागृति पाण्डेय, करिश्मा यादव,आदित्य दीक्षित, वर्शिता गंगवार,शिवानी,सौम्या पाण्डेय एवं अन्य डीएलएड 15,17 बैच के सभी प्रशिक्षु ट्वीट के माध्यम प्रदेश सरकार से मांग कर रहे हैं कि प्राथमिक विद्यालयों में एवं जूनियर एडेड विद्यालयों में सरकार विज्ञापन जारी करे। पिछले 1.5 साल से सरकार और सरकार के अधिकारी केवल बेरोजगार युवाओं के जीवन के साथ से खिलवाड़ कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बेरोजगार युवाओं के जीवन को मजाक बना दिया है।ये सरकार नौकरी एवं भर्ती के नाम पर बेरोजगार युवाओं की जिन्दगी बर्बाद कर रही है।जबकि प्रदेश में 1 लाख 10 हजार प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक के पद खाली हैं।यहाँ 8 से 10 लाख प्रशिक्षु सरकार से नयी भर्ती की मांग कर रहे हैं।यहाँ केवल प्रशिक्षुओं के साथ राजनीति हो रही है।कुछ मंत्री जी केवल उपचुनाव में नजर आये थे।लेकिन भर्ती नाम पर फोन भी रिसीव नहीं करते हैं अगर गलती से उठा लिया तो काट देते हैं,तो बेरोजगार युवा आत्म हत्या करने पर विवश है। बस सरकारे बदल रही लेकिन सबकी स्थिति वही है,जुमला और केवल जुमला।बिहार चुनाव से छात्र जाग चुका है।अगर भर्ती नहीं आयेगी तो युवा भी जाग चुके हैं और एकजुट भी हो चुके हैं। जो सरकार उनको रोजगार देगी उन्ही के साथ युवा भी अपना समर्थन देंगे।इसलिए प्राथमिक विद्यालयों और जूनियर एडेड स्कूल में विज्ञापन जारी कीजिए।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बेरोजगार युवाओं के जीवन को मजाक बना दिया है।ये सरकार नौकरी एवं भर्ती के नाम पर बेरोजगार युवाओं की जिन्दगी बर्बाद कर रही है।जबकि प्रदेश में 1 लाख 10 हजार प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक के पद खाली हैं।यहाँ 8 से 10 लाख प्रशिक्षु सरकार से नयी भर्ती की मांग कर रहे हैं।यहाँ केवल प्रशिक्षुओं के साथ राजनीति हो रही है।कुछ मंत्री जी केवल उपचुनाव में नजर आये थे।लेकिन भर्ती नाम पर फोन भी रिसीव नहीं करते हैं अगर गलती से उठा लिया तो काट देते हैं,तो बेरोजगार युवा आत्म हत्या करने पर विवश है। बस सरकारे बदल रही लेकिन सबकी स्थिति वही है,जुमला और केवल जुमला।बिहार चुनाव से छात्र जाग चुका है।अगर भर्ती नहीं आयेगी तो युवा भी जाग चुके हैं और एकजुट भी हो चुके हैं। जो सरकार उनको रोजगार देगी उन्ही के साथ युवा भी अपना समर्थन देंगे।इसलिए प्राथमिक विद्यालयों और जूनियर एडेड स्कूल में विज्ञापन जारी कीजिए।