प्रयागराज : यूपी बोर्ड परीक्षाओं के लिए केंद्र निर्धारण संबंधी नियम व शर्ते जारी हो चुकी हैं। सभी स्कूलों ने सुलभ संसाधनों का विवरण भी भेज दिया है। अब इनके भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। तहसील स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी के साथ ही विकासखंड स्तर पर माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाचार्यो को नोडल बनाया गया है। सभी नोडल प्रधानाचार्यो को सत्यापन के बाद अपनी रिपोर्ट 20 दिसंबर तक देनी है।
शहर में दो नोडल और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कुल 20 नोडल प्रधानाचार्य बनाए गए है। ये स्कूलों में जाकर उनके संसाधनों का भौतिक सत्यापन करेंगे। यह देखेंगे कि नकल विहीन परीक्षा कराने व उसकी वेबकास्टिंग द्वारा मानीटरिंग के उद्देश्य से वायस रिकॉर्डर युक्त दोनों ओर सीसीटीवी के डीवीआर के साथ राउटर डिवाइस एवं हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन है या नहीं?। डीवीआर में 30 दिन तक रिकार्डिग की क्षमता है या नहीं?
बैठने के लिए बेंच व कुर्सियां पर्याप्त हैं या नहीं? कोरोना की वजह से परीक्षा कक्षों की लंबाई व चौड़ाई भी देखी जा रही है। शासन के निर्देशों के अनुसार इस बार एक विद्यार्थी को बैठने के लिए 36 वर्ग फिट की जगह तय की है। कक्ष ऐसे हों जिसमें विद्यार्थियों को दूर-दूर बैठाया जा सके।
दिसंबर तक कराई जाएगी रिपोर्ट की फी¨डग
भौतिक सत्यापन संबंधी रिपोर्ट की फी¨डग 26 दिसंबर तक करवानी है। उसके बाद शासन स्तर से केंद्रों को बनाने या न बनाने का फैसला किया जाएगा।
आरएन विश्वकर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक।
स्ट्रांग रूम व डबल लॉक वाली आलमारियां भी हों
परीक्षा केंद्र बनाने के लिए विद्यालयों में प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए समुचित इंतजाम हों। खासकर दो लोहे की डबल लॉक आलमारियां व स्ट्रांग रूम की व्यवस्था होनी चाहिए। विद्यालयों के चारों ओर चहारदीवारी व प्रवेश द्वार पर लोहे के गेट भी होने चाहिए। स्थाई विद्युत व्यवस्था के जेनरेटर का भी बंदोबस्त हो। विद्यालय में संपूर्ण कम्प्यूटर सिस्टम व दो दक्ष कम्प्यूटर ऑपरेटर भी होने जरूरी हैं।