उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती में ओबीसी के अभ्यर्थियों को नियमानुसार आरक्षण नहीं मिलने की याचिका पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने सुनवाई की।
आयोग ने उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति बेसिक शिक्षा विभाग से पूछा कि जब भर्ती जिला स्तर की है तो परीक्षा राज्य स्तर पर क्यों कराई और कटऑफ राज्य स्तर पर क्यों तय किए। इस दौरान बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार और महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
आयोग के उपाध्यक्ष के सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा परिषद के उप सचिव विजय शंकर मिश्रा ने शपथ पत्र दिया कि यह भर्ती प्रदेश स्तर की नहीं है, बल्कि जिला स्तर की है। जबकि याचियों ने कहा कि भर्ती प्रदेश स्तर की है, न कि यह जिला स्तर की।
भर्ती परीक्षा के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव प्रयागराज के नाम से डिमांड ड्राफ्ट लिया गया और भर्ती का कटऑफ राज्य स्तर पर निर्धारित हुआ है। किसी भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस भर्ती के लिए जिला स्तर पर खाली पदों के आधार पर विज्ञप्ति जारी नहीं की थी। इस पर आयोग ने उपाध्यक्ष ने अधिकारियों से पूछा कि जब यह भर्ती जिला स्तर की है तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस भर्ती की विज्ञप्ति जारी क्यों नहीं की?
मुख्य सचिव को पुन: तलब किया गया
विभाग के अधिकारियों के जवाब से असंतुष्ट आयोग ने विभाग की अपर मुख्य सचिव को पुन: तलब किया है। उधर, एनआईसी अधिकारी ने आयोग को बताया कि उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग से मिले डाटा के आधार पर ही काम किया है। इस भर्ती में एनआईसी की कोई गलती नहीं है।
आयोग में सुनवाई के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह समेत अन्य अधिकारी और अभ्यर्थियों की तरफ से सुनीता दक्ष, मनोज प्रजापति, राजेश कुमार, अमन वर्मा व अन्य मौजूद थे।