प्रयागराज परिषदीय विद्यालयों में मानव संपदा पोर्टल के जरिए अवकाश के लिए आवेदन की प्रक्रिया तय है। इसका निस्तारण बीईओ, बीएसए को निर्धारित समय में करना है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि पोर्टल पर मिला शिकायतों के विश्लेषण से पता चला है कि
अवकाश स्वीकृति में अनियमितता बरती जा रहा है। यदि किसी प्रकरण को चार दिन से अधिक रोका गया तो बीईओ पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। समीक्षा में सामने आया है कि चार दिन से कम के सीएल भी बीईओ को आवेदित किए जा रहे हैं। जबकि चार दिन तक के अवकाश का आवेदन प्रधानाध्यापक्त व उससे अधिक के लिए बीईओ को मंजूरी देने की व्यवस्था है। आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति या अस्वीकृति में एक दिन से अधिक का समय लग रहा है, जो ठौक नहीं है। चिकित्सा अवकाश के संबंध में कहा कि चिकित्सा प्रमाणपत्र अपलोड होने के चार दिन के भीतर सक्षम अधिकारी उसे स्वीकृत कर दें। अभी देखा जा रहा है कि 200 से अधिक दिनों का टर्न एराउंड टाइम (टीएटी) प्रदर्शित है। मानव संपदा पोर्टल के क्रियान्वयन व अवकाश स्वीकृति में शिक्षकों को किसी भी तरह की असुविधा न हो।बाल्य देखभाल अवकाश की स्वीकृति या अस्वीकृति भी चार दिन में बीईओ व बीएसए को करनी है। कई ब्लाकों में देखा जा रहा है कि 50 से अधिक दिन टर्न एराउंड टाइम (टीएटी) प्रदर्शित है । यह शासनादेश की अवहेलना है। कुछ खंड शिक्षाधिकारी शिक्षकों के आवेदित अवकाश को बिना किसी टिप्पणी के अस्वीकार कर देते हैं। ऐसा करना अपारदर्शिता है। शासनादेश का उल्लंघन भी है।
प्रदेश के 1118 शिक्षकों ने नहीं किया ऑनलाइन आवेदन
समीक्षा में पाया गया है कि प्रदेश के कुल 1118 शिक्षकों ने अवकाश के लिए मानव संपदा पोर्टल पर आवेदन नहीं किया। इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि प्रयागराज में सभी शिक्षकों को अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन के लिए निर्देशित किया गया है । सभी बीईओ को भी शासन की मंशा से अवगत करा दिया गया है।