प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 69,000 शिक्षक भर्ती में उन अभ्यर्थियों का चयन अभी निरस्त नहीं होगा, जिन्होंने भर्ती परीक्षा के आवेदन में गलती से अधिक अंक भर दिए थे। ऐसे अभ्यर्थियों का प्रकरण बेसिक शिक्षा अधिकारी अब शासन को साक्ष्य सहित भेजेंगे और उस पर शासन अंतिम निर्णय लेगा।
दैनिक जागरण ने इसे लेकर सैकड़ों मेधावी अभ्यर्थियों की पीड़ा प्रमुखता से उजागर की थी, जिसका शासन ने संज्ञान लिया है। परिषदीय स्कूलों के लिए 69,000 शिक्षक भर्ती के चयनितों को दो चरणों में 31,277 व 36,590 की संख्या में नियुक्ति पत्र जारी हुए, लेकिन दोनों चरणों में उन चयनितों को नियुक्ति पत्र मिले, जिनके आनलाइन आवेदन और अंक व प्रमाणपत्रों में अंतर रहा है। शासन ने इसके लिए चार दिसंबर को त्रुटि सुधार का शासनादेश जारी किया। इसमें हर लगभग हर ¨बदु का निस्तारण किया गया लेकिन, यह भी आदेश हुआ कि जिन चयनितों ने आवेदन में वास्तविक से अधिक अंक भर दिए हैं, उनका चयन निरस्त कर दिया जाएगा। मसलन, सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के बेस्ट विषयों के अंकों के आधार पर औसत अंक निर्धारित करना। इन विसंगतियों को लेकर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया और दैनिक जागरण उनकी आवाज बना। इसका शासन ने संज्ञान लिया है। गुरुवार को विशेष सचिव मनीष कुमार वर्मा ने सभी जिलाधिकारियों व बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर चार दिसंबर को जारी शासनादेश के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है। इसमें कहा कि जिस ¨बदु दो (3) में आवेदनपत्र में शैक्षिक अर्हता में प्राप्त वास्तविक से अधिक अंक भरने वालों का चयन निरस्त करने के निर्देश दिए गए थे, उसमें स्पष्ट करना है कि इस प्रकार के प्रकरणों को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सभी तथ्यों का उल्लेख करते हुए अभिलेखीय साक्ष्य सहित आख्या विचारण के लिए शासन को भेजें।