लखनऊ : बेसिक शिक्षा सत्र 2021-22 में कई बड़े बदलाव होंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री- प्राइमरी शिक्षा का इंतजाम होगा तो प्रदेश के 901 शैक्षिक ब्लाक में से प्रत्येक में माडल स्कूल स्थापित होंगे।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों और परिषदीय उच्च प्रा. विद्यालयों में विद्यार्थियों को जटिल विषयों रुचिकर तरीके से समझाने को किट मुहैया होंगे। यह समग्र शिक्षा के तहत वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित कार्ययोजना का हिस्सा है, जिसे मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में हुई ‘उप्र सभी के लिए शिक्षा परियोजना’ परिषद की कार्यकारी समिति की बैठक में मंजूरी दी गई।
लखनऊ : प्रदेश में बेसिक शिक्षा सत्र 2021-22 में कई बड़े बदलावों का गवाह बनेगी। आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री- प्राइमरी शिक्षा का इंतजाम होगा तो प्रदेश के 901 शैक्षिक ब्लाक में से प्रत्येक में माडल स्कूल स्थापित किए जाएंगे।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों और परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों को अंग्रेजी, गणित व विज्ञान की जटिलताएं रुचिकर तरीके से समझाने के लिए उन्हें इन विषयों के किट मुहैया कराए जाएंगे। यह सब प्रदेश में समग्र शिक्षा के तहत वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित कार्ययोजना का हिस्सा है, जिसे बुधवार को मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में हुई ‘उप्र सभी के लिए शिक्षा परियोजना’ परिषद की कार्यकारी समिति की बैठक में मंजूरी दी गई। अब यह कार्ययोजना केंद्र की मंजूरी के लिए भेजी जाएगी।
इस कार्ययोजना में बेसिक शिक्षा के लिए 11429.14 करोड़ रुपये, टीचर एजुकेशन के लिए 183.86 करोड़ रुपये और माध्यमिक शिक्षा के लिए 1150 करोड़ रुपये के प्रस्ताव शामिल हैं।
वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने 9007.88 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना को मंजूरी दी थी। इसके सापेक्ष 2021-22 की कार्ययोजना में 41.69 फीसद की वृद्धि प्रस्तावित है।
बालिका शिक्षा से जुड़े कार्यक्रमों के लिए 1295.11 करोड़ रुपये प्रस्तावित : इसमें प्रदेश के 75 केजीबीवी को कक्षा 12 तक अपग्रेड करने का प्रस्ताव भी शामिल है। इन केजीबीवी में अकादमिक भवन और बालिका छात्रवास के निर्माण का प्रस्ताव शामिल है।
बेहतर होगी बेसिक शिक्षा
’7209 अतिरिक्त क्लास रूम का निर्माण
’2868 जर्जर विद्यालयों का पुनर्निर्माण
’8070 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर
’15,587 विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय
’19,800 विद्यालयों का विद्युतीकरण
’806 विद्यालयों में सोलर पैनल की व्यवस्था
’15,191 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बालिकाओं के लिए इंसीनरेटर
’301 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में चारदीवारी निर्माण
’प्रत्येक शैक्षिक ब्लाक में माडल स्कूल की स्थापना
’278 विद्यालयों में पेयजल सुविधा
’103 विद्यालयों में बड़े मरम्मत कार्य
’शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के कार्यक्रमों के लिए 1051.15 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित।
इनके लिए भी प्रविधान
’सामुदायिक सहभागिता के कार्यक्रमों के लिए 1773.47 करोड़ रुपये, जिससे सभी विद्यार्थियों को मुफ्त में यूनिफार्म, जूता मोजा व पाठ्यपुस्तकें दी जाएंगी।
’दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के लिए 44.41 करोड़ रुपये।
’शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अंशकालिक अनुदेशकों के वेतन के लिए 5404.36 करोड़ रुपये।
2021-22 में मिड डे मील के लिए 4222.51 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना भी केंद्र को प्रस्तावित की गई है।