प्राविधिक शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती अब नए नियमों से होगी, जानिए कैसे होंगी यह भर्तियां

 उत्तर प्रदेश में प्राविधिक शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती अब नए नियमों से होगी। प्राविधिक शिक्षा विभाग (डिप्लोमा सेक्टर) के अंतर्गत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के विनियम 2019 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा (अध्यापन) सेवा नियमावली को लागू करने को मंत्रिपरिषद ने अपनी मंजूरी दे दी है।



डिप्लोमा स्तर की पढ़ाई करा रहे प्राविधिक संस्थानों में भर्ती अब नए नियम से होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जल्द खाली पदों पर भर्ती की जाएगी। यही नहीं नई नियमावली के अनुसार शिक्षकों का वेतन भी बढ़ेगा। उधर, प्रदेश में नए बनाए गए पालीटेक्निक संस्थानों व राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) को थ्री पी माडल पर चलाने का फैसला किया गया। छह नए बने पालीटेक्निक व छह आइटीआइ थ्री पी माडल पर चलाए जाएंगे और इसके लिए जल्द निजी संस्था का चयन किया जाएगा।

सेंटर आफ एक्सीलेंस इन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को सरकार देगी एक अरब : प्रदेश में सेंटर आफ एक्सीलेंस इन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की स्थापना के लिए राज्य सरकार एक अरब रुपये की आर्थिक मदद देगी। नोएडा में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (आइआइटी) कानपुर व फिक्की द्वारा इसकी स्थापना की जा रही है। नोएडा में आइआइटी कानपुर के कैंपस में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए यह विशेष सेंटर स्थापित किया जा रहा है। मंत्रिपरिषद ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है।

स्टार्टअप नीति के तहत तीन सेंटर होंगे स्थापित : उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020 के तहत इसे स्थापित करने में राज्य सरकार भी आर्थिक सहयोग दे रही है। फिलहाल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस या कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग से मशीनों के माध्यम से तमाम जटिल कार्यों को आसानी से किया जा सकता है। शिक्षा व चिकित्सा सहित लगभग हर क्षेत्र में इसका प्रयोग बढ़ रहा है। मालूम हो कि स्टार्टअप नीति के तहत तीन सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाने हैं। पहला संजय गांधी पीजीआइ में चिकित्सा के क्षेत्र में नव प्रयोग के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया गया है और अब यह दूसरा सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित होगा। जल्द ही तीसरा सेंटर भी स्थापित किया जाएगा।

ये फैसले भी हुए

बुलंदशहर में शिकारपुर में बस स्टेशन स्थापित करने के लिए परिवहन विभाग को निश्शुल्क जमीन उपलब्ध कराने को भी मंजूरी दे दी गई।
जलेसर में रोडवेज डिपो की स्थापना के लिए भी परिवहन विभाग को निश्शुल्क जमीन दी जाएगी।