शिक्षा मित्र नेताओं ने खुद शिक्षा मित्रों का गला घोट दिया आगे राम जाने ।।।। आइये इसके बारे में डालते है।
ये मामला संविदा शिक्षक नहीं बल्कि rte act का मामला है। त्रिपुरा सरकार ने rte act 23 अगस्त 2010 के बाद शिक्षक भर्ती क़ि किन्तु rte act को नहीं मानते हुए विशेष राज्य कि शक्ति दिखाते हुए बिना टेट के भर्ती कर डाली और कारण बताया कि हमारे पास टेट पास नहीं है किंतु ये गोलमाल था।
ये मामला संविदा शिक्षक नहीं बल्कि rte act का मामला है। त्रिपुरा सरकार ने rte act 23 अगस्त 2010 के बाद शिक्षक भर्ती क़ि किन्तु rte act को नहीं मानते हुए विशेष राज्य कि शक्ति दिखाते हुए बिना टेट के भर्ती कर डाली और कारण बताया कि हमारे पास टेट पास नहीं है किंतु ये गोलमाल था।