NET JRF: नेट-जेआरएफ में शामिल हुआ 'योग', 100वें विषय के रूप में योग को शामिल करने की हुई पुष्टि

शिक्षा के बाद संभावनाएं 1वर्तमान में भारत में 30 से ज्यादा कॉलेजों में योग विषय में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं। किसी भी क्षेत्र के स्नातक योग से संबंधित पाठ्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। शिक्षा प्राप्त करने के बाद रोजगार से जुड़ा जा सकता है।

’ योग शिक्षा और प्रशिक्षण के बाद आप स्वयं योग-कक्षाएं लगा सकते हैं।
’ योग का मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रशिक्षण के बाद स्कूल, कॉलेज में भी कक्षाएं ले सकते हैं।
’ चिकित्सक और शोधकर्ता के रूप में आप रोगों तथा विकारों के संबंध में कार्य कर सकते हैं।अजहर अंसारी, इलाहाबाद
आगामी सत्र में नेट-जेआरएफ में योग को विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। सीबीएसई द्वारा लिये जाने वाली इस परीक्षा के लिए योग 100वां विषय होगा। आयोग की इस पहल से विश्वविद्यालयों में संचालित योग विषय की प्रासंगिकता अधिक बढ़ जाएगी।
 दर्शन, ध्यान, व्यायाम, ध्यान का सिद्धांत व नियम, सूर्य नमस्कार तथा प्राणायाम का व्यावहारिक ज्ञान योग विषय के रूप में उच्च शिक्षा में शामिल हो चुका है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत देश के प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों में योग पीठ स्थापित करने का लक्ष्य है।
 इलाहाबाद विवि में आगामी सत्र से योग पीठ की स्थापना प्रस्तावित है। इस विषय को अधिक प्रसांगिक बनाने एवं योग के सुयोग्य शिक्षकों की भर्ती के लिए योग को नेट एवं जेआरएफ में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। यूजीसी द्वारा जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। सीबीएसई द्वारा संचालित होने वाली इस आगामी परीक्षाओं में योग एक विषय के रूप में संचालित होगा।
प्रमाणपत्र से पीएचडी तक पाठ्यक्रम
कई शिक्षण संस्थानों में योग में स्नातक, स्नातकोत्तर, स्नातकोत्तर डिप्लोमा, डिप्लोमा एवं प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी संचालित किया जा रहा है। उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विवि में भी योग विषय पर प्रमाणपत्र कार्यक्रम उपलब्ध हैं। प्रदेश एवं देश के कई संस्थानों में स्नातक, पीजी एवं योग पर डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स पहले से चल रहे हैं।6इविवि में भी प्रस्तावित है योग पर आधारित पाठ्यक्रम
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