शिक्षक भर्ती मे शिक्षा डिप्लोमा धारकों को भी करें शामिल, हाईकोर्ट की अनुमति बगैर जारी नहीं किया जाए नियुक्ति पत्र, राज्य सरकार से दो हफ्ते में मांगा जवाब, सुनवाई 30 जनवरी को

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो वर्षीय शिक्षा डिप्लोमा धारक याचियों को प्राथमिक स्कूल की सहायक अध्यापक चयन प्रक्रिया में शामिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि नियुक्ति पर विचार किया जाए, किंतु बिना कोर्ट की अनुमति लिए याचियों को नियुक्ति पत्र जारी न किया जाए।

कोर्ट ने राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई अब 30 जनवरी को होगी।1यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने इलाहाबाद के अजय कुमार व दो अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बहस की। मालूम हो कि 23 दिसंबर 2016 को प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती विज्ञापन निकाला गया जिसमें शिक्षा में डिप्लोमा करने वाले अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया गया। याची का कहना है कि एनसीटीई के 23 अगस्त 2010 व 29 जुलाई 2011 की अधिसूचना से शिक्षा डिप्लोमा को मान्यता प्रदान की है। सीनियर सेकेंड्री स्कूल में 45 फीसद अंक के साथ दो वर्षीय इलिमेंट्री शिक्षा में डिप्लोमा को अर्ह माना गया है। जिसमें बीटीसी, डीएड एवं डिप्लोमा इन एजुकेशन आदि शामिल है। कोर्ट ने अंतरिम आदेश से शिक्षा डिप्लोमा को भी अर्हता प्रदान करने का निर्देश दिया है। इसके बावजूद सहायक अध्यापक भर्ती में शिक्षा डिप्लोमा धारकों के आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं।1कोर्ट ने कहा है कि यदि याचीगण योग्यता प्रमाण पत्र के साथ आवेदन देते हैं तो बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव उसे स्वीकार करे और 23 दिसंबर 2016 के विज्ञापन के तहत भर्ती में शामिल करने से शिक्षा डिप्लोमा के आधार पर इन्कार न करे और उनके आवेदन पर विचार किया जाए।

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