दूर होगा भर्तियों का भ्रष्टाचार, चयन में होगी पारदर्शिता
नई सरकार से प्रतियोगियों की उम्मीदें
’ त्रिस्तरीय आरक्षण लागू करना।
’ परिणाम में जाति न बताना।
’ परीक्षा केंद्र में रैंडमाइजेशन किया जाना।
’ नंबर देखने की व्यवस्था में बदलाव।
’ संशोधित उत्तर कुंजी जारी न करना।
’ परिणाम में सफल अभ्यर्थी के नाम का उल्लेख न करना
’ पीसीएस प्री 2015 का पेपर आउट होना।
’ पीसीएस मेन्स 2015 की कॉपी का बदला जाना।
इलाहाबाद प्रमुख संवाददाता सूबे में नई सरकार के बनने के बाद लोक सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड सहित अन्य भर्ती संस्थाओं से होने वाली चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की उम्मीद जगी है। प्रतियोगियों को पूरा विश्वास है कि भाजपा सरकार बनने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार की सीबीआई से जांच कराने का अपना वादा भी पूरा करेंगे।हालांकि लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष और सदस्य सपा शासनकाल के दौरान नियुक्त हुए लोग ही रहेंगे। माना जा रहा है कि शासन स्तर से लगाए जाने वाले अंकुश के बाद आयोग की कार्यशैली बदलेगी। पारदर्शिता के लिए वे सभी इंतजाम लागू होने की उम्मीद है जो सूबे की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के द्वारा लागू किए गए थे। सपा शासनकाल में आयोग की लगभग सभी भर्तियां विवादित रहीं। कभी त्रिस्तरीय आरक्षण तो कभी ओबीसी की एक जाति विशेष के अभ्यर्थियों के चयन, तो कभी पेपर आउट होने और गलत प्रश्न पूछे जाने पर विवाद की स्थिति बनी। लिखित परीक्षा में कम अंक पाने वाले ओबीसी की एक जाति विशेष के अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में अधिक नंबर देकर एसडीएम और डिप्टी एसपी समेत अन्य पदों पर चयनित करने का मामला भी प्रकाश में आया। प्रतियोगी छात्रों ने इन गड़बड़ियों के खिलाफ आंदोलन तो किया ही कानूनी लड़ाई भी लड़ी। इनकी लड़ाई की वजह से न केवल लोक सेवा आयोग बल्कि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों को कुर्सी तक गंवानी पड़ी। आयोग की भर्तियों में व्याप्त भ्रष्टाचार की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर प्रतियोगियों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की है।
’ प्रदेश सरकार आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच की संस्तुति होगी।’ परीक्षा केंद्र में रैंडमाइजेशन की व्यवस्था समाप्त कर पुरानी व्यवस्था लागू की जाएगी।’ इंटरव्यू में पारदर्शिता के लिए को¨डग की पुरानी व्यवस्था लागू होगी।’ प्रारंभिक परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।’ पीसीएस सहित अन्य भर्तियों की मुख्य परीक्षा की कॉपी को सार्वजनिक किया जाएगा।’ आयोग के विशेषज्ञों के पैनल में बदलाव कर नया पैनल बनाया जाएगा।’ भ्रष्टाचार और सीसैट से प्रभावित प्रतियोगियों को अतिरिक्त अवसर दिया जाएगा।’ अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भंग कर इसकी सभी भर्तियों की सीबीआई से जांच कराई जाएगी।’ माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की भर्तियों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी।’ आयोग और बोर्ड के दागी सदस्यों के खिलाफ जांच करवाकर पदमुक्त किया जाएगा।
परीक्षा से इंटरव्यू तक करना होगा सुधारभाजपा सरकार में आयोग के अध्यक्ष रहे प्रो. केबी पांडेय ने अपने कार्यकाल के दौरान इंटरव्यू में को¨डग की जो व्यवस्था लागू की थी उसे आज भी काफी सराहा जाता है। इससे इंटरव्यू बोर्ड को अभ्यर्थियों के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं होती थी। प्रो. पांडेय कहते हैं कि हाल के वर्षों में हुए तमाम प्रकरणों से आयोग के प्रति प्रतियोगियों में अविश्वास का जो भाव जगा है उसे दूर करने के लिए काफी प्रयास करने होंगे। परीक्षा केंद्र आवंटन से लेकर अंतिम परिणाम की घोषणा तक सुधार के कई सारे पहलु हैं। इन सभी पहलुओं पर विचार करना होगा।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
नई सरकार से प्रतियोगियों की उम्मीदें
- BJP की धमाकेदार जीत से ख़ुशी की लहर - लोक सेवा आयोग की कार्यशैली बदलने का बढ़ा भरोसा
- चुनाव आयोग ने सुश्री मायावती के लगाये गए EVM मशीनों से छेड़छाड़ के आरोपो पर दिया जवाब....
- प्रतियोगियों को आस, अब आयोग की भर्तियों की होगी सीबीआई जाँच, प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने से उम्मीद, केशव मौर्य से मिलेंगे छात्र
- नयी सरकार और शिक्षामित्र: वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में प्रदेश के शिक्षामित्र अनेक तरह के लगा रहे कयास
- तदर्थ शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में हुई मनमानी, न्यूनतम मानक से कम अंक पाने वालों को बीएसए बांट रहे यहाँ, हाईकोर्ट में अवमानना याचिका नोटिस जारी, जवाब-तलब
’ त्रिस्तरीय आरक्षण लागू करना।
’ परिणाम में जाति न बताना।
’ परीक्षा केंद्र में रैंडमाइजेशन किया जाना।
’ नंबर देखने की व्यवस्था में बदलाव।
’ संशोधित उत्तर कुंजी जारी न करना।
’ परिणाम में सफल अभ्यर्थी के नाम का उल्लेख न करना
’ पीसीएस प्री 2015 का पेपर आउट होना।
’ पीसीएस मेन्स 2015 की कॉपी का बदला जाना।
इलाहाबाद प्रमुख संवाददाता सूबे में नई सरकार के बनने के बाद लोक सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड सहित अन्य भर्ती संस्थाओं से होने वाली चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की उम्मीद जगी है। प्रतियोगियों को पूरा विश्वास है कि भाजपा सरकार बनने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार की सीबीआई से जांच कराने का अपना वादा भी पूरा करेंगे।हालांकि लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष और सदस्य सपा शासनकाल के दौरान नियुक्त हुए लोग ही रहेंगे। माना जा रहा है कि शासन स्तर से लगाए जाने वाले अंकुश के बाद आयोग की कार्यशैली बदलेगी। पारदर्शिता के लिए वे सभी इंतजाम लागू होने की उम्मीद है जो सूबे की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के द्वारा लागू किए गए थे। सपा शासनकाल में आयोग की लगभग सभी भर्तियां विवादित रहीं। कभी त्रिस्तरीय आरक्षण तो कभी ओबीसी की एक जाति विशेष के अभ्यर्थियों के चयन, तो कभी पेपर आउट होने और गलत प्रश्न पूछे जाने पर विवाद की स्थिति बनी। लिखित परीक्षा में कम अंक पाने वाले ओबीसी की एक जाति विशेष के अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में अधिक नंबर देकर एसडीएम और डिप्टी एसपी समेत अन्य पदों पर चयनित करने का मामला भी प्रकाश में आया। प्रतियोगी छात्रों ने इन गड़बड़ियों के खिलाफ आंदोलन तो किया ही कानूनी लड़ाई भी लड़ी। इनकी लड़ाई की वजह से न केवल लोक सेवा आयोग बल्कि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों को कुर्सी तक गंवानी पड़ी। आयोग की भर्तियों में व्याप्त भ्रष्टाचार की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर प्रतियोगियों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की है।
’ प्रदेश सरकार आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच की संस्तुति होगी।’ परीक्षा केंद्र में रैंडमाइजेशन की व्यवस्था समाप्त कर पुरानी व्यवस्था लागू की जाएगी।’ इंटरव्यू में पारदर्शिता के लिए को¨डग की पुरानी व्यवस्था लागू होगी।’ प्रारंभिक परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।’ पीसीएस सहित अन्य भर्तियों की मुख्य परीक्षा की कॉपी को सार्वजनिक किया जाएगा।’ आयोग के विशेषज्ञों के पैनल में बदलाव कर नया पैनल बनाया जाएगा।’ भ्रष्टाचार और सीसैट से प्रभावित प्रतियोगियों को अतिरिक्त अवसर दिया जाएगा।’ अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भंग कर इसकी सभी भर्तियों की सीबीआई से जांच कराई जाएगी।’ माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की भर्तियों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी।’ आयोग और बोर्ड के दागी सदस्यों के खिलाफ जांच करवाकर पदमुक्त किया जाएगा।
परीक्षा से इंटरव्यू तक करना होगा सुधारभाजपा सरकार में आयोग के अध्यक्ष रहे प्रो. केबी पांडेय ने अपने कार्यकाल के दौरान इंटरव्यू में को¨डग की जो व्यवस्था लागू की थी उसे आज भी काफी सराहा जाता है। इससे इंटरव्यू बोर्ड को अभ्यर्थियों के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं होती थी। प्रो. पांडेय कहते हैं कि हाल के वर्षों में हुए तमाम प्रकरणों से आयोग के प्रति प्रतियोगियों में अविश्वास का जो भाव जगा है उसे दूर करने के लिए काफी प्रयास करने होंगे। परीक्षा केंद्र आवंटन से लेकर अंतिम परिणाम की घोषणा तक सुधार के कई सारे पहलु हैं। इन सभी पहलुओं पर विचार करना होगा।
- 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती : मीनाक्षी लेखी ने सहयोग हेतु दिया आश्वासन : पूर्णेश शुक्ल महाकाल
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- यदि दोबारा अखिलेश सरकार वापस आ जाती तो शायद बीएड टीईटी वाले बिलकुल टूट जाते....
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