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भर्ती घोटाले मामले में निशाने पर यूपीपीएससी के अध्यक्ष, रिपोर्ट की मुहिम तेज

इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षाओं में अनियमितता को लेकर अध्यक्ष अनिरुद्ध यादव अब अभ्यर्थियों के सीधे निशाने पर हैं। पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा में प्रश्न पत्र वितरण की गड़बड़ी समेत अन्य खामियों के चलते उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की मुहिम छेड़ दी गई है।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने जिला पुलिस की बेरुखी के चलते सीजेएम कोर्ट में धारा 156 (तीन) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर सोमवार को बहस हुई।1यूपीपीएससी के अध्यक्ष अनिरुद्ध यादव पर इससे पहले भी परीक्षाओं में लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लग चुके हैं। यहां तक कि उन पर पांच साल (एक अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017) के दौरान हुई भर्तियों की सीबीआइ जांच में बाधा उत्पन्न करने व परीक्षाओं में गड़बड़ी फैलाने वालों के प्रति उदासीन रहने के भी आरोप लगे हैं। अब ताजा मामला पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा में 19 जून को सामान्य हंिदूी की बजाय निबंध के प्रश्न पत्र वितरण का है। जिसमें याची की ओर से कहा गया है कि प्रश्न पत्र वितरण में गड़बड़ी होने से सैकड़ों मेधावी छात्र परीक्षा देने से वंचित हुए। याची अवनीश पांडेय की ओर से कोर्ट में अधिवक्ता विजय कुमार मिश्र और भानु प्रसाद दुबे ने पक्ष रखा। याची अधिवक्ता का कहना है कि 19 जून 2018 को ही लिखित सूचना दी गई लेकिन, थाने ने एफआइआर दर्ज करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक को डाक से शिकायती पत्र भेज कर एफआइआर का अनुरोध किया गया। कोई कार्यवाही न होने पर सीजेएम कोर्ट में चार जुलाई 2018 को धारा 156 (तीन) के तहत आवेदन किया गया। थाने से आख्या मिलने पर सोमवार को कोर्ट में बहस हुई। याची अधिवक्ता का कहना है कि कोर्ट से इस मामले में पांच सितंबर को आदेश आएगा।

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