ताल टूटा पर गायब नहीं हुई एक भी फाइल

सिद्धार्थनगर। बीएसए कार्यालय मेें एक कमरे का ताला टूटने और फर्जी शिक्षकों की फाइल चोरी होने के मामले में नया मोड़ आ गया है। सदर थाने में दी तहरीर में बीएसए ने ताला टूटने की बात तो कही है, लेकिन एक भी फाइल चोरी होने से इनकार किया है।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर अज्ञात के खिलाफ चोरी की कोशिश करने का केस दर्ज कर लिया है। ताला टूटने के बाद भी चोरी नहीं होने के दावे से बीएसए कार्यालय से जुड़े लोगों की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं। लोगों का कहना है कि अगर चोर वहां से कोई सामान व फाइल नहीं ले गए तो ताला क्यों तोड़ा।
बीएसए कार्यालय इन दिनों फर्जी शिक्षकों की भर्ती व 38 फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी के मामले को लेकर चर्चा है। बीएसए राम सिंह ने कार्यालय को असुरक्षित बताते हुए अभिलेखों को नष्ट किए जाने की आशंका जताते हुए सुरक्षाकर्मी की तैनाती की मांग की थी। इसी बीच रविवार की रात बीएसए दफ्तर में एक कमरे का ताला टूट गया। सोमवार की सुबह चोरी की बात सामने आई। एएसपी मुन्ना लाल सिंह व सीओ सदर दिलीप सिंह कार्यालय पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। कमरे में फाइलें बिखरी मिली थीं। आशंका जताई गई थी कि शिक्षक भर्ती से जुड़ी फाइलें चोरी हुई हैं।
बीएसए राम सिंह भी बर्खास्त शिक्षकों से जुड़ी फाइलें चोरी होने की बात कही थी, लेकिन देर रात उन्होंने तहरीर देकर कहा कि ताला टूटा हुआ था, लेकिन कोई फाइल चोरी नहीं हुई है। सभी 16448 शिक्षकों की फाइलें सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा है कि फर्जी शिक्षकों की फाइलें अलग रखी गई हैं। ये फाइलें सुरक्षित हैं। दफ्तर से एक भी कागजात की चोरी नहीं हुई है। चोरी का प्रयास किया गया है। इस संबंध में प्रभारी थानाध्यक्ष चंदन कुमार ने बताया कि तहरीर के आधार पर चोरी के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
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संदिग्ध लग रही कहानी
सिद्धार्थनगर। ताला टूटने के बाद फर्जी शिक्षकों के दस्तावेज गायब होने की बात हो रही थी, लेकिन देर रात बीएसए की ओर से दी गई तहरीर में किसी फाइल के गायब नहीं होने की बात कही गई है। सूत्रों की माने तो इस कार्य में दफ्तर से जुड़े कुछ लोग शामिल थे। देर शाम कार्रवाई के भय से फाइल दोबारा लाकर रख दी गई, जिससे कि जांच और कार्रवाई आगे न बढ़ पाए।