फर्जी तरीके से नौकरी हथियाने वाले 7 अध्यापकों पर दर्ज होगी FIR,वसूला जाएगा वेतन

मिर्जापुर। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद के स्थानांतरण आदेश पर जिले के कई राजकीय विद्यालयों के शिक्षक बने सात एलटी ग्रेड अध्यापकों की पोल खुल गई है। विभाग ने स्थानांतरण के जरिए पाई फर्जी नियुक्ति को लेकर सभी के खिलाफ एफाआईआर दर्ज कराने के साथ ही वेतन की रिकवरी कराने के निर्देश दिये हैं। इन सभी शिक्षक की फर्जी भर्ती हुई जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
शिक्षा विभाग से आदेश मिलते ही विंध्याचल मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक ने जिला विद्यालय निरीक्षक देवकी सिंह को फर्जी पाये जाने वाले सातों अध्यापकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने और वेतन की धनराशि की रिकवरी के भी निर्देश दिये हैं।
जेडी पाल के अनुसार माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के लिपिकों की दुरभि संधि कर कूट रचित आदेश के माध्यम से लालगंज के उसरीपाण्डेय स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पर तैनात स्नातक वेतन क्रम (एलटी)संवर्ग क्रमर्श सविता रावत, मनीषा रावत , विवेक कुमार रोशन कुमार मिश्र राउमावि पटेहरा हलिया, मोनिका श्रीवास्तव व बिंदु सिंह राउमावि नदिनी छानबे, गीता यादव राउमावि भुईली खास जमालपुर पर प्रदेश के विभिन्न राजकीय विद्यालयों पर अपनी नियुक्ति दिखाई, इसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से स्थानांतरण करवा कर जिले में आईं। इन्होंने तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक और उनके लिपिकों से मिलकर नियुक्ति पाई।

नियुक्ति वाले विद्यालयों पर बेखौफ अध्यापन कार्य करने लगे। इसी बीच डीआईओएस ने सदास्यता दिखाते हुए वेतन भी लगा दिया। जबकि बिना सत्यापन के वेतन नहीं दिया जाना चाहिए था। लेकिन इनकी नियुक्ति पर शक भी पैदा हुआ। तो जेडी ने सत्यापन करवना शुरू कर दिया। कथित शिक्षकों के जिले से सत्यापन पहले आ गया था। इसके आधार पर वेतन पर रोक लगा दी गई। लेकिन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से डीआईओएस ने सत्यापन मांगा था, निदेशालय से भी सत्यापन आ गया है। सत्यापन में निदेशक ने शिक्षकों की नियुक्ति को पूरी तरह से फर्जी बताया गया है।