फिरोजाबाद। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के समायोजन मनमाने तरीके से हो
रहे हैं। सरकार की मंशा थी कि सिर्फ शैक्षणिक गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए
समायोजन किए जाए। मगर विभाग ने इसका फायदा उठाकर समायोजन की आड़ में
शिक्षकों को ब्लाक बदलने का मौका दे दिया।
अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में
शिक्षकों का समायोजन होना था। शासन की इस मंशा का फायदा बच्चों से ज्यादा
शिक्षकों को मिला या फिर विभागीय लोगों को। शासनादेश में स्पष्ट है कि
शिक्षकों को ब्लाक में रखा जाए। ब्लाक में सरप्लस शिक्षक हैं तो उन्हें
ब्लाक के पास का स्कूल दिया जाए, लेकिन विभाग ने शासनादेश के उलट कर दिया।
एका ब्लाक देखें तो यहां करीब 15 स्कूल शिक्षकविहीन है। इसके बाद भी आठ
शिक्षकों को एका ब्लाक से बाहर भेजा गया।
वहीं 11 में से तीन शिक्षक एका ब्लाक में रहे हैं। अगर ब्लाक के बंद पड़े
विद्यालयों में शिक्षकों को भेजा जाता तो समायोजन का फायदा बच्चों को
मिलता। ब्लाक शिक्षक बदलना चाहते हैं, इसका फायदा समायोजन की आड़ में चुना
गया। समायोजन के खेल का पर्दाफाश न हो, इसलिए विभाग ने सार्वजनिक समायोजन
पत्र न बनाकर अलग-अलग बनाए। ताकि शिक्षक और विभाग तक जानकारी सीमित रहे।
बीएसए अरविंद पाठक ने कहा कि अगर किसी को सूची में गलती लगती है तो उसकी
शिकायत करें। शिकायत कर निस्तारण किया जाएगा।
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