बीएसए कार्यालय से फर्जी शिक्षकों के दस्तावेज चोरी

सिद्धार्थनगर। फर्जी शिक्षकों के मामले में सोमवार को उस समय नया मोड़ आ गया जब बीएसए कार्यालय से इस मामले से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज चोरी हो गए। सूचना पर एएसपी मुन्ना लाल व सीओ सदर दिलीप सिंह फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। एएसपी ने मामले में विभागीय लोगों के शामिल होने की आशंका जताई है। बीएसए ने भी दो लिपिकों पर संदेह जताया है।

सोमवार सुबह दस बजे कार्यालय खुला तो बीएसए के बगल वाले कमरे का ताला टूटा था और दस्तावेज बिखरे पड़े थे। लिपिकों ने पुलिस को घटना की सूचना दी। एएसपी व सीओ तत्काल मौके पर पहुंचे और फोरेंसिक टीम को जांच के लिए बुलाया। जिस कमरे का ताला टूटा था, उसकी बारीकी से जांच की गई। सूत्रों के अनुसार चोरी गए कागजातों में फर्जी शिक्षक भर्ती मामले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज भी शामिल हैं। इस मामले में अब तक 38 शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं, जबकि विभाग ने 30 और शिक्षकों की सूची बना रखी है। इनके कागजात भी फर्जी बताए जा रहे हैं। बीएसए राम सिंह ने बताया कि कुछ लिपिकों की भूमिका संदेह के घेरे में है। क्या-क्या चोरी गया है इसका पता लगाया जा रहा है। एएसपी मुन्ना लाल ने बताया कि अभी तक विभाग की ओर से तहरीर नहीं मिली है। फिर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है।

बंद था सीसीटीवी कैमरा
चोरी की वारदात को काफी सोच समझकर अंजाम दिया गया है। सीसीटीवी कैमरे को शनिवार रात में ही बंद कर दिया गया था। बीएसए ने बताया कि कार्यालय में लगा कैमरा सही है। इसकी मॉनिटरिंग उनके कमरे से होती है। इसकी चाबी दो लोगों के पास है। एक उनके पास और दूसरा लिपिक मुकुल मिश्रा के पास।

लिपिक के कमरे का टूटा है ताला
- बीएसए कार्यालय के बगल वाले कमरे में फर्जी शिक्षकों की जांच से जुड़ी सभी फाइलें रखी गई हैं। इसकी जिम्मेदारी वरिष्ठ लिपिक राकेश मणि त्रिपाठी व लिपिक आशीष मिश्रा की है। इन्हीं के कमरे का ताला तोड़कर महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब किए गए हैं। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में कुछ लिपिकों से पूछताछ की है।


मेन गेट का ताला था बंद
- चोरी के दौरान सबसे खास बात यह रही है कि मेन गेट का ताला बंद था और छत के दरवाजे पर भी ताला लगा था। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि जिसने भी वारदात को अंजाम दिया है उसके पास मेन गेट की डुप्लीकेट चाबी जरूर होगी। यह आशंका पुलिस भी व्यक्त कर रही है।


लखनऊ तक पहुंची चर्चा
- फर्जी शिक्षकों के बाद सुर्खियों में आए जिले की चर्चा अब लखनऊ तक पहुंच गई है। सूत्रों की माने तो दो लिपिकों व दो बीएसए की चर्चा लखनऊ के शिक्षा निदेशालय तक में है। कहा जा रहा है कि विगत कुछ सालों में उक्त लिपिक और बीएसए ने काफी संपत्ति अर्जित की है। इनका गठजोड़ राजनीतिक लोगों से भी है। यही वजह है कि अब तक ये बचते रहे हैं।


तीन लग्जरी गाड़ियों की भी हो रही बात
- फर्जी शिक्षकों की जांच के बाद लगातार तीन लग्जरी गाड़ियों का एक साथ कार्यालय पर आना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। यह चर्चा सोमवार को भी आम हो गई है, जब दस्तावेज चोरी की बात लोगों ने सुनी। बताया जा रहा है कि फर्जी शिक्षकों के गिरोह का मास्टर माइंड पिछले कुछ दिनों से विभाग के दो लिपिकों से मिल रहा था।