इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) एलटी ग्रेड शिक्षक
भर्ती परीक्षा की उत्तरकुंजी जारी करेगा या नहीं, इस पर निर्णय अटका हुआ
है। वहीं, इस परीक्षा के परिणाम के लिए भी अभ्यर्थियों को इंतजार करना पड़
सकता है।
परिणाम से पहले चार लाख कॉपियों की स्कैनिंग होनी है और यह काम
अभी शुरू नहीं हुआ है। आयोग इन दिनों स्टाफ नर्स का परिणाम तैयार करने में
जुटा है। इसके लिए स्क्रूटनी का काम शुरू हो चुका है। स्टाफ नर्स का परिणाम
अगस्त के आखिरी या सितंबर के पहले सप्ताह में जारी हो सकता है।
एलटी
ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए प्रदेश भर से सात लाख 63 हजार 317
अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे, जिनमें से 52.3 फीसदी अभ्यर्थी परीक्षा में
उपस्थित हुए। यानी तकरीबन चार लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा
29 जुलाई को 39 जिलों के 1760 केंद्रों पर हुई थी। इसके तहत 15 विषयों में
कुल 10768 शिक्षकों की भर्ती होनी है। अभ्यर्थियों को नहीं मालूम कि
उन्होंने जिन सवालों के जवाब दिए, वे आयोग के हिसाब से सही थे या नहीं। इसी
वजह से अभ्यर्थी अन्य परीक्षाओं की तरह इसकी उत्तरकुंजी भी जारी करने की
मांग कर रहे हैं। वहीं, आयोग उत्तरकुंजी पर निर्णय नहीं ले पा रहा है।
यूपीपीएससी के सचिव जगदीश का कहना है कि आयोग ने पहली बार सिंगल लेयर
परीक्षा कराई है। आयोग किसी भी फाइनल परीक्षा की उत्तरकुंजी जारी नहीं करता
है। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए 29 जुलाई को हुई परीक्षा फाइनल थी।
इसी परीक्षा की मेरिट के आधार पर भर्ती की जानी है। आयोग में उत्तरकुंजी को
लेकर विचार चल रहा है। उत्तरकुंजी जारी की जाएगी या नहीं, इस पर आयोग जल्द
ही कोई निर्णय लेगा।
वहीं, एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा परिणाम के
लिए भी अभ्यर्थियों को इंतजार करना पड़ सकता है। परिणाम जारी करने से पहले
आयोग को परीक्षा में शामिल तकरीबन चार लाख अभ्यर्थियों की ओएमआर कॉपी
स्कैन करनी होगी और इसके बाद परिणाम जारी किया जाएगा। इस प्रक्रिया में समय
लग सकता है। आयोग की प्राथमिकता स्टाफ नर्स का परिणाम है। शासन ने आयोग को
निर्देश दिए हैं कि सबसे पहले स्टाफ नर्स का परिणाम घोषित किया जाए, सो
आयोग का पूरा स्टाफ स्क्रूटनी के कार्य में लगा हुआ है। स्टाफ नर्स के चार
हजार से अधिक पदों पर भर्ती होनी है।
उत्तरकुंजी जारी किए बगैर स्कैनिंग रोकने की मांग
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एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों ने शनिवार को शासन को
ज्ञापन प्रेषित कर मांग की कि उत्तरकुंजी जारी किए बगैर कॉपियों की
स्कैनिंग न की जाए। अभ्यर्थियों ने परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया और
इसके खिलाफ जारी आंदोलन को तेज करने के लिए डेलीगेसियों में जनसंपर्क
अभियान चलाया। अभ्यर्थियों ने मांग की है कि पहले उत्तरकुंजी जारी की जाए
और इसके बाद कॉपियों की स्कैनिंग कराकर परिणाम घोषित किया जाए। जनसंपर्क
में अनिल सिंह, राजेंद्र सिंह यादव, प्रीतम सिंह विजय नाथ, विनोद कुमार,
केके पटेल, राहुल पांडेय, संदीप कुमार शुक्ल आदि मौजूद रहे।
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