विरोध स्वरूप उन्होंने दीनदयाल नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में चल रही भर्ती परीक्षा भी रुकवा दी। हालांकि देर शाम परीक्षा कराई गई। मौके पर पहुंची पुलिस को भी हस्तक्षेप करना पड़ा।
रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर में चल रहे आगामी शिविरों के लिए प्रशिक्षकों की भर्ती को उन्होंने रुकवा दिया और जमकर संस्थान के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में पुलिस भी मौके पर पहुंची और न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। इस संबंध में संस्थान के चेयरमैन वाचस्वपति मिश्र ने बताया कि सभी प्रशिक्षकों से बात हो गई है। स्टाफ की कमी के कारण मानदेय में देरी हुई है। 15 दिनों के अंदर शेष दो-दो माह का वेतन सभी प्रशिक्षकों के खाते में डाल दिया जाएगा।
प्रदर्शन करने वालों में राजीव कुमार पीलीभीत, शेर सिंह व उपेंद्र सिंह फिरोजाबाद, राजकुमार व वंदना अलीगढ़, राजकुमार बरेली, नोनीराम, धर्मेंद्र कुमार, विश्राम सिंह, मंजू शर्मा शाहजहांपुर, संध्या देवी, दीपिका आदि प्रमुख थे।
क्या बोले प्रशिक्षक
संस्कृत पढ़ाने के लिए चार माह पहले नियुक्ति की गई, अभी सिर्फ आधे से भी कम मानदेय मिला है, मानदेय न मिलने तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
- लक्ष्मीकांत, मथुरा
11 महीने की विज्ञप्ति जारी कर प्रशिक्षक नियुक्त किए गए। 15 दिन की ट्रेनिंग भी हुई लेकिन तीन माह बाद ही उन्हें हटाए जाने की बात हो रही है।
- सुदीप, अलीगढ़
तय किए गए मानदेय के हिसाब से सभी का भुगतान किया जाना चाहिए। सभी ने मेहनत की है, उन्हें उनका पारिश्रमिक तो मिलना ही चाहिए।
- उपेंद्र सिंह, फिरोजाबाद