कौशांबी : जिले में फर्जी डिग्री के जरिए नौकरी पाने वाले शिक्षकों के
खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शनिवार
को सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों की सूची भेजी है।
उन्होंने
आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने और उनसे वेतन रिकवरी का निर्देश दिया
है। यह शिक्षक इलाहाबाद, कौशांबी, चित्रकूट व प्रतापगढ़ के निवासी हैं।
उनके पते पर भी रिकवरी की नोटिस भेजी गई है। 1वर्ष 2015 में इस संबंध में
शिकायत हुई थी, लेकिन जांच को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई। 2016 में
तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी डीएस यादव ने 36 शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी
पाते हुए उनकी डिग्री की ऑनलाइन सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कराई थी। लंबे
इंतजार के बाद करीब एक सप्ताह पहले 23 शिक्षकों की रिपोर्ट बीएसए कार्यालय
को मिली।
इलाहाबाद के सबसे ज्यादा फर्जी शिक्षक :फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी पाने
वालों शिक्षकों में सबसे अधिक 11 इलाहाबाद के निवासी हैं जबकि प्रतापगढ़
के छह, कौशांबी के तीन, चित्रकूट, लखनऊ व झांसी के एक-एक शिक्षक हैं।
इलाहाबाद के सतीश कुमार पुत्र बरमदेव निवासी जलालुद्दीनपुर बहरिया, रामू
पुत्र हरिश्चंद्र निवासी चंदौली फूलपुर, अमर सिंह पुत्र जगदीश सिंह निवासी
दामोदरपुर मऊआइमा , प्रदीप दत्त शर्मा पुत्र पदमादत्त शर्मा निवासी बेनीगंज
, मालती देवी पुत्री हरिशंकर वर्मा निवासी पुर्खीपुर सोरांव , रमाकांत
भारतीय पुत्र मलखान निवासी बेलामंडी लालपुर, सुरेंद्र कुमार पटेल पुत्र
छोटेलाल पटेल निवासी चतुभरुज फूलपुर, शैलजा सिंह पुत्री प्रेम प्रकाश
निवासी म्योराबाद , शारदा देवी पुत्री राजनारायण निवासी देवगलपुर मऊआइमा ,
सनाबानो पुत्री असलम खान निवासी कठचंपा मऊआइमा , नागेंद्र कुमार पुत्र
रामदुलार निवासी पंडरीया सोरांव के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
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