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शिक्षा विभाग में तैनाती को लेकर बह रही उल्टी गंगा!

बाराबंकी : एक ओर जहां चुनाव के दृष्टिगत सरकारी विभागों के तीन साल, पांच व दस वर्ष में अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण का प्राविधान है वहीं शिक्षा विभाग में उल्टी गंगा बह रही है।
यहां वर्षों से तैनात शिक्षक-शिक्षिकाओं का स्थानांतरण के बजाए एक-दो वर्ष वालों को सर प्लस मान कर उन्हें दूर-दराज के अंचल में भेजा जा रहा है।
दो दिन से चल रही काउंसि¨लग में अधिकांश ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें स्थानांतरण का दर्द झेलना पड़ रहा है। देवा क्षेत्र के रानीगंज विद्यालय से सर प्लस घोषित की गईं वंदना का कहना है कि उनके पति ब्लॉक के ही एक इंटर कॉलेज में शिक्षक हैं। ऐसे में पति के साथ आवागमन में सुविधा है। शासनादेश भी है कि पति-पत्नी की तैनाती एक ही ब्लॉक व आसपास की जाए। इसी आधार पर दूसरे जिले से स्थानांतरण होकर डेढ़ साल पहले तैनाती मिली पर अब सर प्लस सूची में डाल दिया गया। देवा ब्लॉक में निकट का कोई दूसरा स्कूल खाली नहीं हैं।


ऐसी ही करीब साढ़े तीन सौ महिलाएं हैं जिन्हें बेसिक शिक्षा विभाग की अन्य विभागों से इतर तबादला नीति का दंश झेलना पड़ रहा है। बीएसए विनय कुमार शासनादेश के अनुसार ही कार्य करने की बात कह रहे हैं। वहीं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के महामंत्री संतोष वर्मा कहते हैं कि शिक्षकों के तबादला व समायोजन में अन्य विभागों की भांति प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए ताकि नए लोगों को भी शहर के आसपास के ब्लॉकों में तैनाती का मौका मिल सके।

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