ललितपुर। खंड शिक्षा अधिकारियों की मनमानी अब ज्यादा दिन
चलने वाली नहीं है। शासन ने ब्लॉक स्तरीय अफसरों की कारगुजारियों को
संज्ञान में लेते हुए अस्थाई ड्यूटी, प्रसूति अवकाश, बाल्यकाल अवकाश का
ब्योरा बीएसए से तलब कर लिया है।
बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात खंड शिक्षा
अधिकारियों को विभिन्न तरह के अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार प्रदान किए गए
है। पिछले दिनों प्रसूति अवकाश एवं बाल्य देखभाल अवकाशों की संख्या में
बढ़ोत्तरी हुई है। कमोवेश यही स्थिति अस्थाई ड्यूटी की है। बड़ी संख्या में
ऐसी ड्यूटी हर ब्लॉक में लगी हुई हैं। कई ड्यूटी तो ऐसी हैं, जिसमें
शिक्षक का ब्लॉक ही बदल दिया गया है। कई शिक्षक ऐसे हैं जो वर्षों से
अस्थाई ड्यूटी पर डटे हुए हैं।
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गौरतलब है कि जिला एवं ब्लॉक मुख्यालय के आठ किमी के दायरे के स्कूलों में शिक्षकों की भरमार हो गई है।
शासन ने इस बात को संज्ञान में ले लिया है। लखनऊ में बैठे अफसरों ने प्रसूति अवकाश, बाल्य देखभाल अवकाश व अस्थाई ड्यूटी का ब्योरा बीएसए से तलब कर लिया है। इस सूचना को तैयार कराने में खंड शिक्षा अधिकारी मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार सबसे ज्यादा गड़बड़ियां बीआरसी जखौरा की है। यहां प्रसूति अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश को स्वीकृत करने में आवेदनों की तारीखों पर ध्यान नहीं दिया गया है। कई ऐसे आवेदन स्वीकृत हुए हैं, जिनकी तारीख अन्य आवेदनों से बाद की थी। इसके बाद भी उन आवेदनों को पहले स्वीकृत कर दिया गया। यही नहीं, डिस्पेच नंबर देने में भी हेराफरी की गई।अस्थाई ड्यूटी के मामले में भी कुछ ऐसा ही है। कई जगह संकुल प्रभारियों ने शिक्षकों को अस्थाई ड्यूटी पर कुछ दिन के लिए लगे शिक्षक ने पूरा शैक्षिक सत्र ही निकाल दिया। इस तरह के मामलों में लीपापोती शुरू हो गई है। ऐसे ही अन्य ब्लॉकों में भी कई दिलचस्प मामले निकलकर आ रहे हैं, जिन पर खंड शिक्षा अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
शिक्षक बने बीएलओ
मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में शिक्षकों को बीएलओ बनाया गया है। इसमें भी बड़ा खेल खेला गया है। कई शिक्षकों को राहत पहुंचाने के लिए दूसरे ब्लॉक में बीएलओ बना दिया गया है।
बीएसए के हस्ताक्षर से लगी ड्यूटी
अस्थाई ड्यूटी देने में अकेले खंड शिक्षा अधिकारी ही आगे नहीं हैं, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की कलम से भी तमाम शिक्षक और शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाई गई हैं। तत्कालीन बीएसए विनोद मिश्रा के समय की कई अस्थाई ड्यूटी आज भी प्रभावी बनी हुई हैं, जिसका अफसरों को जवाब देते नहीं बन रहा है।
क्या सभी ड्यूटी होंगी निरस्त?
शासन ने भले ही प्रसूति अवकाश, बाल देखभाल अवकाश व अस्थाई ड्यूटी की सूचना मंगाई हो, लेकिन बीएसए के हस्ताक्षर से लगी बीएलओ ड्यूटी में लगे शिक्षक अस्थाई ड्यूटी की निरस्त होंगी। इस पर से पर्दा नहीं हट सका है।
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गौरतलब है कि जिला एवं ब्लॉक मुख्यालय के आठ किमी के दायरे के स्कूलों में शिक्षकों की भरमार हो गई है।
शासन ने इस बात को संज्ञान में ले लिया है। लखनऊ में बैठे अफसरों ने प्रसूति अवकाश, बाल्य देखभाल अवकाश व अस्थाई ड्यूटी का ब्योरा बीएसए से तलब कर लिया है। इस सूचना को तैयार कराने में खंड शिक्षा अधिकारी मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार सबसे ज्यादा गड़बड़ियां बीआरसी जखौरा की है। यहां प्रसूति अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश को स्वीकृत करने में आवेदनों की तारीखों पर ध्यान नहीं दिया गया है। कई ऐसे आवेदन स्वीकृत हुए हैं, जिनकी तारीख अन्य आवेदनों से बाद की थी। इसके बाद भी उन आवेदनों को पहले स्वीकृत कर दिया गया। यही नहीं, डिस्पेच नंबर देने में भी हेराफरी की गई।अस्थाई ड्यूटी के मामले में भी कुछ ऐसा ही है। कई जगह संकुल प्रभारियों ने शिक्षकों को अस्थाई ड्यूटी पर कुछ दिन के लिए लगे शिक्षक ने पूरा शैक्षिक सत्र ही निकाल दिया। इस तरह के मामलों में लीपापोती शुरू हो गई है। ऐसे ही अन्य ब्लॉकों में भी कई दिलचस्प मामले निकलकर आ रहे हैं, जिन पर खंड शिक्षा अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
शिक्षक बने बीएलओ
मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में शिक्षकों को बीएलओ बनाया गया है। इसमें भी बड़ा खेल खेला गया है। कई शिक्षकों को राहत पहुंचाने के लिए दूसरे ब्लॉक में बीएलओ बना दिया गया है।
बीएसए के हस्ताक्षर से लगी ड्यूटी
अस्थाई ड्यूटी देने में अकेले खंड शिक्षा अधिकारी ही आगे नहीं हैं, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की कलम से भी तमाम शिक्षक और शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाई गई हैं। तत्कालीन बीएसए विनोद मिश्रा के समय की कई अस्थाई ड्यूटी आज भी प्रभावी बनी हुई हैं, जिसका अफसरों को जवाब देते नहीं बन रहा है।
क्या सभी ड्यूटी होंगी निरस्त?
शासन ने भले ही प्रसूति अवकाश, बाल देखभाल अवकाश व अस्थाई ड्यूटी की सूचना मंगाई हो, लेकिन बीएसए के हस्ताक्षर से लगी बीएलओ ड्यूटी में लगे शिक्षक अस्थाई ड्यूटी की निरस्त होंगी। इस पर से पर्दा नहीं हट सका है।
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