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शिक्षा विभाग में चल रहा है घोटाले का 'खेल' : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

बिजनौर। साक्षरता विभाग के केंद्रों पर पहुंचने वाले खेल के सामन में घोटाला उजागर होने का मामला सामने में आया है। इस खेल के सामान के घोटाले में शिक्षा विभाग सहित टेंडर लेने वाले ठेकेदार भी शामिल हैं।
मीडिया में इस मामले में आने के बाद जिले के बीएसए अधिकारी ने जांच करने के आदेश दे दिए है।

मेरठ के शोरूम से आया एक मिनी ट्रक जिसमे खेल कूद का सामान लदा हुआ था। उक्त सामान देर रात चोरी से उतारने की तैयारी चल रही थी। क्योंकि लाए गए इस खेल के सामान की कीमत मौजूदा बिल के मुकाबले काफी कम थी।

जब इस बात का मीडियाकर्मियों को पता लगा तो उन्होंने इस पुरे मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की, लेकिन रात में घंटो के बाद भी जिला का कोई आलाधिकारी मौके पर नहीं पंहुचा।
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उधर मीडिया ने मुरादाबाद कमिश्नर को जब इस पुरे मामले की जानकारी दी तो आनन् फानन में पहुंची पुलिस की टीम ने ट्रक को अपने कब्ज़े में कर थाने ले गई। बिजनौर बीएसए जय करण यादव के आदेश पर शुक्रवार दोपहर में खेल के सामान को बिजनौर शहर के नार्मल स्कूल में रखवा दिया गया है। अधिकारी अपने कर्मचारी और विभाग का बचाव करते हुए सत्यापन के बाद जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।

आप को बता दे की खेल के आये सामान की बिल कीमत दिखाए गए बिल के अनुसार 3 लाख 39 हज़ार है, लेकिन गाड़ी में मौजूद सामान काफी कम संख्या में है। उधर शिक्षा विभाग के बाबू बुध सिंह ने बताया की इस खेल के सामान का टेंडर 10 लाख रुपए का हुआ था। एक कैरम बोर्ड की कीमत है 235 रुपए है जबकि बिल में 1 कैरम बोर्ड की कीमत 200 रुपए है। साथ ही मौके पर सामान उतारने गए बाबू बुध सिंह के पास विभाग की तरफ से कोई ऐसा बिल नहीं था जिससे आये सामान और उसके बिल का मिलान कराये जा सके।
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