....तो क्या अब 14000 अवशेष की किस्मत चमकने वाली है!!

24 अगस्त के बहुप्रतीक्षित आदेश में कोर्ट ने राज्य से कहा है कि अगर उसके द्वारा कोई आदेश शिक्षामित्रों के संदर्भ में दिया जा चुका हो तो राज्य इस संदर्भ में 4 सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर सकता है। साथ ही अन्य संदर्भित पक्षकारों से भी कहा गया है कि यदि वे चाहें तो हलफनामा दाखिल कर सकते हैं।

शिक्षमित्र केस की सुनवाई को लेकर कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अब 72825 भर्ती मामले को निपटाने के बाद ही शिक्षमित्र समायोजन केस पर सुनवाई की जायेगी।
और ये बताते हुए पुनः दोहराया है कि शिक्षामित्र केस अब 23 नवंबर को सुना जायेगा। मज़े की बात ये कि पूरे कोर्ट आर्डर में बहुप्रचारित सफेदा प्रकरण पर कोई बात नहीं कही गई है। कुल मिला कर सफेदा प्रकरण पर पैसे की बर्बादी के सिवा कुछ नहीं हुआ।
उपरोक्त आदेश की रौशनी में कुछ बातें साफ़ हुई
1. अब बीएड बेरोज़गारों को शिक्षामित्र मामले में टांग अड़ाने की इज़ाज़त कोर्ट नहीं देगा।
2. संभवतः अवशेष शिक्षामित्रों (14000) का समायोजन सरकार कर सकेगी।
3. बीएड बेरोज़गारों के लिए किये गए 7 दिसंबर और 24 फरवरी के आदेशों पर सरकार निर्णय ले कर कोर्ट को अवगत कराएगी।
यहाँ हम आप को याद दिला दें कि राज्य सरकार अपने हलफनामे में अवशेष शिक्षामित्रों के समायोजन रोके जाने की जानकारी कोर्ट को दे चुकी हैं
24 अगस्त की सुनवाई के आदेश में शिक्षामित्र मामले के क्रम में कहा गया है:-

If any order has been passed requiring the State to file any affidavit, the State shall do so within four weeks hence.
......
इसलिए संभवतः इस आदेश में उसी कंप्लायंस के पक्ष में राज्य से 4 सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
.....तो अब अवशेष शिक्षामित्रों की किस्मत चमकने वाली है।

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