बीटीसी अभ्यर्थियों ने रोके शिक्षामित्र

जागरण संवाददाता, एटा : सोमवार को संकुल भवन पर घंटों हंगामा हुआ।16हजार 448 शिक्षक भर्ती के तहत काउंसि¨लग करा चुके बीटीसी अभ्यर्थियों ने कार्यालय का मुख्य द्वार घेर लिया। उन्होंने हाईकोर्ट के निर्देश पर भर्ती प्रक्रिया में काउंसि¨लग को पहुंचे शिक्षामित्रों को अंदर नहीं घुसने दिया।
वहीं वे अपने नियुक्ति पत्र की मांग करने लगे। स्थिति बिगड़ते देख एसडीएम सदर व पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। बाद में अभ्यर्थियों को समझाकर व चेतावनी देते हुए हटाया गया। जिसके बाद ही सूची में शामिल शिक्षामित्र काउंसि¨लग करा सके।
शिक्षक भर्ती के तहत पूर्व में समायोजित शिक्षामित्रों को मेरिट में शामिल नहीं किया गया था। ऐसी स्थिति में विभाग ने पहले ही कट ऑफ मेरिट जारी कर बीटीसी अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग व महिला विकलांगों से स्कूल भी लॉक करा लिए। ऐसे में एक दिन पहले ही हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों को भी काउंसि¨लग की छूट दी ओर इसी के तहत सोमवार को उनकी काउंसि¨लग होनी थी। इससे पहले ही काउंसि¨लग करा चुके बीटीसी अभ्यर्थी सुबह 10 बजे ही बीएसए कार्यालय जा पहुंचे। जहां उन्होंने मुख्य द्वार को घेरकर नियुक्ति पत्र दिए जाने के लिए नारेबाजी, हंगामा शुरू कर दिया। इस मध्य काउंसि¨लग को पहुंचे शिक्षामित्रों को कार्यालय में नहीं घुसने दिया। लगभग दो घंटे तक यही हालात रहे तो मामले की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई। स्थिति नियंत्रण के लिए एसडीएम सदर संजीव कुमार, क्षेत्राधिकारी निवेश कटियार, पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के नेताओं को भी जानकारी होने पर उन्होंने भी उपस्थिति दर्ज करा दी। बीएसए एसएस यादव व पहुंचे अधिकारियों ने बीटीसी अभ्यर्थियों को पहले समझाया फिर कार्रवाई की चेतावनी दी। मामले को लेकर अधिकारियों ने शिक्षामित्र संघ के राजेश गुप्ता, हरिओम प्रजापति आदि से न्यायालय के आदेश को लेकर जानकारी ली। दोपहर 2 बजे ही बीटीसी अभ्यर्थी जल्द नियुक्ति पत्र दिए जाने के आश्वासन के बाद कार्यालय से हटे। उधर पात्र समायोजित शिक्षामित्रों की काउंसि¨लग कराई गई। 4 बजे तक आधा दर्जन ने अपनी काउंसि¨लग कराकर उपस्थिति दर्ज कराई। बीएसए का कहना था कि शिक्षामित्रों की काउंसि¨लग हाईकोर्ट के निर्देश पर कराई गई है। नियुक्ति पत्र सभी को एक साथ ही दिए जाएंगे।
इसलिए हुआ हंगामा : निर्धारित पदों के लिए बीटीसी अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग पहले ही हो गई। बाद में शिक्षामित्रों की काउंसि¨लग से पूर्व में चयनित कई अभ्यर्थियों को नियुक्त न मिल पाने का डर था। इसी कारण वह नियुक्ति पत्र की मांग तथा शिक्षामित्रों को काउंसि¨लग न कराने देने के लिए हंगामा करते रहे।
अटका रहा तबादलों का काम : कार्यालय पर हंगामे के चलते अंतरजनपदीय तबादलों का काम भी प्रभावित रहा। ऐसे में तबादला पाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं भी परेशान नजर आए।
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