यूपी के उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान और गणित विषय के 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती में प्रोफेशनल डिग्री का विवाद बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव निपटाएंगे। आठ सप्ताह में सारे विवाद का निपटारा करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट से आदेश मिलने के बाद सचिव कार्यालय ने पूरे प्रकरण की जांच नए सिरे से शुरू कर दी है।
एक ओर जहां प्रदेश के 73 जिलों में बीसीए, बीटेक, बीफार्मा, बीएससी कृषि जैसे प्रोफेशनल कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो चुकी है वहीं बांदा और आगरा में विवाद बना हुआ है। सरकार ने बीटेक और बीएसए डिग्रीधारकों से विज्ञान व गणित दोनों पदों पर आवेदन लिए थे। आगरा में बीसीए व बीटेक को विज्ञान वर्ग में तो नियुक्ति दे दी गई। लेकिन डेढ़ दर्जन से अधिक योग्य अभ्यर्थियों के गणित विषय के नियुक्ति पत्र रोक लिए गए। बांदा में बीसीए डिग्रीधारकों को विज्ञान या गणित किसी में नियुक्त नहीं किया गया। जबकि बीटेक करने वालों को दोनों पद पर नियुक्ति की गई है। नियुक्ति पत्र नहीं मिलने पर बांदा के ही अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका की थी।
सुनवाई के बाद 17 अगस्त को हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा को निर्देशित किया है कि विशेषज्ञों की राय लेते हुए आठ सप्ताह के अंदर प्रोफेशनल डिग्री से संबंधित सारे विवादों का निपटारा करें। आगरा के प्रोफेशनल डिग्रीधारियों की ओर से हाईकोर्ट में ऐसे ही एक प्रकरण में दायर अवमानना याचिका की सुनवाई 14 सितम्बर को लगी है। इसका निपटारा भी सचिव बेसिक शिक्ष परिषद को करना है।
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हाईपावर कमेटी की राय मानते तो नहीं होती फजीहत
जुलाई 2013 में शुरू हुई विज्ञान व गणित विषय की भर्ती में प्रोफेशनल डिग्री को लेकर कोई विवाद नहीं होता यदि सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट को मान लेते। डिग्री संबंधी विवाद को दूर करने के लिए चार अगस्त 2014 को हाईपावर कमेटी का गठन किया गया था। इसकी रिपोर्ट तीन सितम्बर 2014 को सरकार को सौंपी गई। रिपोर्ट के अनुसार बीटेक, बीसीए, बीएससी कृषि, बीएससी गृह विज्ञान, बीएससी फारेस्ट्री को नियुक्ति के योग्य माना गया था क्योंकि उनका बीटीसी या बीएड में प्रवेश विज्ञान वर्ग में किया जाता है।
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सभी टेट पास अथवा बिना टेट पास साथी इस पोस्ट को जरा गंभीरता से पढ़ ले तो शायद आपको आपके कई प्रश्नो का उत्तर मिल जायेगा
24 अगस्त सुप्रीम कोर्ट के आदेश की copy : यहाँ डाउनलोड करें
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एक ओर जहां प्रदेश के 73 जिलों में बीसीए, बीटेक, बीफार्मा, बीएससी कृषि जैसे प्रोफेशनल कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो चुकी है वहीं बांदा और आगरा में विवाद बना हुआ है। सरकार ने बीटेक और बीएसए डिग्रीधारकों से विज्ञान व गणित दोनों पदों पर आवेदन लिए थे। आगरा में बीसीए व बीटेक को विज्ञान वर्ग में तो नियुक्ति दे दी गई। लेकिन डेढ़ दर्जन से अधिक योग्य अभ्यर्थियों के गणित विषय के नियुक्ति पत्र रोक लिए गए। बांदा में बीसीए डिग्रीधारकों को विज्ञान या गणित किसी में नियुक्त नहीं किया गया। जबकि बीटेक करने वालों को दोनों पद पर नियुक्ति की गई है। नियुक्ति पत्र नहीं मिलने पर बांदा के ही अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका की थी।
सुनवाई के बाद 17 अगस्त को हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा को निर्देशित किया है कि विशेषज्ञों की राय लेते हुए आठ सप्ताह के अंदर प्रोफेशनल डिग्री से संबंधित सारे विवादों का निपटारा करें। आगरा के प्रोफेशनल डिग्रीधारियों की ओर से हाईकोर्ट में ऐसे ही एक प्रकरण में दायर अवमानना याचिका की सुनवाई 14 सितम्बर को लगी है। इसका निपटारा भी सचिव बेसिक शिक्ष परिषद को करना है।
जुलाई 2013 में शुरू हुई विज्ञान व गणित विषय की भर्ती में प्रोफेशनल डिग्री को लेकर कोई विवाद नहीं होता यदि सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट को मान लेते। डिग्री संबंधी विवाद को दूर करने के लिए चार अगस्त 2014 को हाईपावर कमेटी का गठन किया गया था। इसकी रिपोर्ट तीन सितम्बर 2014 को सरकार को सौंपी गई। रिपोर्ट के अनुसार बीटेक, बीसीए, बीएससी कृषि, बीएससी गृह विज्ञान, बीएससी फारेस्ट्री को नियुक्ति के योग्य माना गया था क्योंकि उनका बीटीसी या बीएड में प्रवेश विज्ञान वर्ग में किया जाता है।
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