आयोग में फंसा दो हजार शिक्षकों का प्रमोशन

राजकीय माध्यमिक कालेजों में शिक्षकों के पद खाली हैं। उन्हें भरने के लिए वरिष्ठ शिक्षकों की भी कमी नहीं है, लेकिन इस काम का मुहूर्त तय नहीं हो पा रहा है। इस समय करीब दो हजार शिक्षकों का प्रमोशन उप्र लोकसेवा आयोग में फंसा है।
एक महीने में शिक्षा निदेशालय एवं आयोग के अफसर डीपीसी करने की तारीख तय नहीं कर पाए हैं। राजकीय इंटर कालेजों में इस समय प्रवक्ता पुरुष शाखा के 909 एवं महिला शाखा के 709 समेत कुल 1618 पद खाली चल रहे हैं। इन रिक्त पदों पर प्रमोशन की कार्यवाही उप्र लोकसेवा आयोग को करनी है।
शिक्षा निदेशक माध्यमिक अमरनाथ वर्मा ने यह प्रक्रिया पूरी करने का आदेश अपर शिक्षा निदेशक को पहले ही कर दिया है। इसके बाद ही प्रदेश के सभी मंडलों से शिक्षकों का रिकॉर्ड मांगा गया। दरअसल में 2012-13 में प्रवक्ता पुरुष शाखा पदोन्नति कोटे से 385 रिक्त पद भरने का अधियाचन शिक्षा निदेशालय को प्राप्त हुआ था। इसे 20 सितंबर 2012 को निदेशालय ने आयोग को भेजा। आयोग ने 13 मार्च 2013 को इस अधियाचन को वापस कर दिया और सेवा नियमावली में संशोधन का अधियाचन भेजने को कहा। नियमावली में संशोधन के लिए 10 जून 2013 को प्रस्ताव शासन को भेजा गया। शासन ने उप्र विशेष अधीनस्थ शैक्षणिक (प्रवक्ता संवर्ग) सेवा नियमावली 1992 में संशोधन कर दिया है। इसी के साथ तीन साल से अटकी पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी 1प्रधानाचार्य के 323 पद भी रिक्त राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्य के पद काफी संख्या में एवं लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं। इस समय उप्र शैक्षिक अध्यापन (अधीनस्थ राजपत्रित) पुरुष शाखा के 225, महिला शाखा के 51 एवं निरीक्षण शाखा के 47 समेत कुल 323 अधिकारियों की पदोन्नति उप्र शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) समूह ‘ख’ के पदोन्नति कोटे के रिक्त पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही लोकसेवा आयोग उप्र इलाहाबाद के माध्यम से की जानी है।

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