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राष्ट्रपति ने लगाई GST पर मुहर, देश भर में लागू होगा एक टैक्स सिस्टम

नई दिल्ली: आज राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने संशोधित गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स यानि जीएसटी पर मुहर लगा दी. इसी के साथ जीएसटी बिल अब कानून बन गया है.
संसद से पास होने के बाद जीएसटी पर 16 राज्यों की विधानसभाओं की सहमति जरूरी थी. इस प्रक्रिया को सरकार ने बहुत ही जल्द पूरा करवा लिया.
राष्ट्रपति से मुहर लगने के बाद अब जीएसटी काउंसिल बनने का रास्ता साफ हो गया है. जीएसटी पर बनी काउंसिल तय करेगी कि इसकी दर कितनी हो. इसके साथ जीएसटी से जुड़े विवाद भी काउंसिल ही निपटाएगी. जीएसटी पर बनी काउंसिल के मुखिया वित्त मंत्री अरुण जेटली होंगे. इसके साथ ही केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और तमाम राज्यों के वित्त मंत्री होंगे काउंसिल के सदस्य होंगे. राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता दिवस पर देश के नाम संबोधन में भी जीएसटी का जिक्र किया था. राष्ट्रपति ने कहा था, ”इस बिल का पास होना देश की एकजुटता को दिखाता है.”
क्या है जीएसटी
जीएसटी का मतलब गुड्स एंड सर्विसेज के लिए देश भर में टैक्स रेट एक होगा. अभी देश में गुड्स जैसे मोबाइल हैंडसेट, कार, सिगरेट आदि और सर्विसेज टेलीकॉम, बुकिंग सेवाएं आदि के लिए अदा किए जाने वाले टैक्स की दरें अलग- अलग हैं. जीएसटी पास होने के बाद देश भर में गुड्स और सर्विसेस पर एक समान टैक्स लगेगा. विशेषज्ञों के मुताबिक इससे महंगाई कम होने के आसार हैं.
आम आदमी को जीएसटी से होने वाले 10 फायदे
1.  जीएसटी लागू होने पर सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी को है. क्योंकि तब चीजें पूरे देश में एक ही रेट पर मिलेंगी, चाहे किसी भी राज्य से खरीदें. रोज़मर्रा के जीवन में इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं जैसे कि मोबाइल हैंडसेट, कार, आदि गुड्स में शामिल हैं तो गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स लागू होने के बाद इनके दामों में बड़ा बदलाव हो सकता है और पूरे देश में एक समान दरें लागू होंगी.
2. जीएसटी के लागू होने के बाद टैक्स चोरी रुक जायेगी. इसका सीधा असर देश की जीडीपी पर पड़ेगा. फिलहाल भारत देश में 20 तरह के टैक्स लगते हैं और जीएसटी आने के बाद सब टैक्स हटकर एक टैक्स लागू होगा, वो है जीएसटी.
3. आम जनता जो अभी सामान खरीदते वक्त उस पर 30-35% टैक्स के रूप में चुकाते हैं. जीएसटी लागू होने के बाद ये टैक्स घटकर 20-25% रहने की उम्मीद है तो इसका सबसे बड़ा फायदा आम जनता को ही मिलेगा.
4. जीएसटी लागू होने पर कंपनियों का झंझट और खर्च भी कम होगा. व्यापारियों को सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. अलग-अलग टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा तो सामान बनाने की लागत घटेगी, इससे सामान सस्ता होने की उम्मीद भी है.
5. राज्यों को डर ये था कि उनकी कमाई कम हो जाएगी. खासकर पेट्रोल डीजल से तो कई राज्यों का आधा बजट चलता है. तो वो राहत केंद्र ने राज्यों को दे दी उनपर अभी जो टैक्स राज्य ले रहे हैं, वो शुरुआती बरसों में लेते रहें. और राज्यों का जो नुकसान होगा उसकी भरपाई पांच साल तक केंद्र सरकार करेगी. इसके अलावा जीएसटी से जो टैक्स मिलेगा, वो केंद्र और राज्य में एक तय हिसाब से बंटेगा.
6. उदाहरण के लिए दिल्ली से सटे नोएडा, गुड़गांव वाले जो कभी गाड़ी यूपी से लेते हैं, कभी हरियाणा या कभी दिल्ली से, जहां भी सस्ती मिल जाए वहां से लेते हैं तो जीएसटी आने के बाद ऐसी कोई बंदिश नहीं रहेगी.
7.  फिलहाल देश में गुड्स और सर्विसेज टैक्स की दरें अलग-अलग हैं जैसे सर्विस टैक्स 15 फीसदी है और गुड्स यानी वस्तुओं के लिए अलग-अलग राज्य में अलग दरें लागू होती हैं जो जीएसटी आने के बाद एक जैसी हो जाएगी.
8. जीएसटी लागू होते ही केंद्र को मिलने वाली एक्साइड ड्यूटी, सर्विस टैक्स सब खत्म हो जाएंगे. राज्य सरकार द्वारा लिए जाने वाला वैट, एंटरटेनमेंट टैक्स, लग्जरी टैक्स लॉटरी टैक्स एंट्री टैक्स, चुंगी आदि सभी तरह के स्टेट टैक्स खत्म हो जाएंगे.
9. जीएसटी लागू होने के बाद कंपनियों का खर्चा और लागत कम होंगे क्योंकि सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. कंपनियों को अलग-अलग टैक्स ना चुकाने की वजह से उनकी लागत कम होगी लिहाजा सामान सस्ते होंगे.
10. जीएसटी आने के बाद टैक्स ढांचा एकदम समान होगा और पूरी तरह पारदर्शी होगा जिससे टैक्स विवाद नहीं होंगे और ढेरों टैक्स कानून और टैक्स नियामकों (रेगुलेटरों) का झंझट नहीं रहेगा. इससे एक ही संस्था, कंपनी, व्यक्ति पर कई बार टैक्स लगाने की दिक्कत खत्म हो जाएगी. कुल मिलाकर आम आदमी, कारोबारियों और सरकारों की जिंदगी बेहद आसान हो जाएगी.
11. साल 2014 में पास संविधान के 122वें संशोधन के मुताबिक जीएसटी सभी तरह की सेवाओं और वस्तुओं/उत्पादों पर लागू होगा. सिर्फ अल्कोहल यानी शराब इस टैक्स से बाहर होगी.
जीएसटी लागू होने के बाद क्या सस्ता क्या महंगा ?
GST के के बाद देश भर में टैक्स की दरें बदलेंगी जिसका असर सामानों कीमतों पर भी पड़ेगा. GST बिल में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स की दर 18 फीसदी रखे जाने की चर्चा है.
  • डिब्बाबंद फूड प्रोडक्ट 12% तक महंगे हो सकते हैं.
  • कपड़े, रत्न-आभूषण महंगे हो सकते हैं. इन पर कम से कम 12 फीसदी टैक्स लगने के आसार हैं, जिससे इनके दाम बढ़ सकते हैं.
  • मोबाइल बिल, क्रेडिट कार्ड का बिल महंगे होने के आसार हैं. इसके अलावा डिस्काउंट वाले प्रोडक्ट महंगे पड़ेंगे क्योंकि जीएसटी में टैक्स एमआरपी पर लगेगा.
  • छोटी कारें और मिनी एसयूवी सस्ती हो सकती हैं.
  • घरेलू सामान एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन सस्ते हो सकते हैं –
  • रेस्तरां का बिल कम होगा क्योंकि जीएसटी के तहत सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा.
  • जीएसटी से एंटरटेनमेंट टैक्स कम होगा. इससे सिनेमा के टिकट सस्ते होने की उम्मीद की जा सकती है.
  • उद्योगों को जीएसटी लागू होन पर 18 तरह के टैक्स नहीं भरने पड़ेंगे. टैक्स भरने की प्रक्रिया भी आसान होगी.
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